"रणदीप हुड्डा": अवतरणों में अंतर

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हुड्डा ने अपनी बॉलीवुड कैरियर की शुरुआत 2001 की [[मीरा नायर]] की ''[[मानसून वैडिंग (2001 फ़िल्म)|मॉनसून वैडिंग]]'' फ़िल्म से की। हालांकि फ़िल्म में अपने अच्छे काम के पश्चात भी इन्होंने अगली परियोजना के लिए चार वर्ष तक की प्रतीक्षा की। 2005 में रिलीज़ हुई [[राम गोपाल वर्मा]] की फ़िल्म ''डी'' में अपने किरदार के लिए हुड्डा को आलोचकों की प्रशंसा प्राप्त हुई। ''डी'' के बाद हुड्डा ने कई असफ़ल परियोजनाओं में कार्य किया। अगली सफ़लता इन्हें मिलान लुथरिया कई 2010 की फ़िल्म ''वन्स अपोन अ टाइम इन मुम्बई'' से मिली, जो इनके कैरियर में निर्णायक बिंदु रहा। इसके पश्चात ये ''साहिब, बीवी और गैंगस्टर'' (2011) और ''[[जन्नत 2]]'' (2012) में निभाई गई अपनी भूमिकाओं के लिए जाने गए।
 
== फ़िल्मी सफ़र ==
रणदीप हुड्डा उमंग कुमार की फिल्म 'सरबजीत' में सरबजीत सिंह के किरदार को निभाते हुए नज़र आयेंगे.<ref>{{cite web|url=https://www.arrechintu.com/parde-ke-picche/sarabjit-ke-bad-sabne-socha-main-pagal-ho-gaya-randeep/|author=अनिल मिश्रा|title=‘सरबजीत’ के बाद सबने सोचा मैं पागल हो गया : रणदीप|accessdate=2016-04-16|publisher=अरे चिंटू डॉट कॉम}}</ref> इस फ़िल्म कि शूटिंग के दौरान वह इस हद तक प्रभावित हो गए कि उनके आस-पास के लोगों ने उन्हें पागल और बेवकूफ समझना शुरू कर दिया था. इस किरदार ने कहीं न कहीं रणदीप को बहुत प्रभावित किया हैं.
 
== बाहरी कड़ियाँ==