"सूरसागर": अवतरणों में अंतर
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'''सूरसागर''', [[ब्रजभाषा]] में महाकवि [[सूरदास]] द्वारा रचे गए कीर्तनों-पदों का एक सुंदर संकलन जो शब्दार्थ की दृष्टि से उपयुक्त और आदरणीय है। इसमें प्रथम नौ अध्याय संक्षिप्त है, पर दशम स्कन्ध का बहुत विस्तार हो गया है। इसमें भक्ति की प्रधानता है। इसके दो प्रसंग "कृष्ण की बाल-लीला' और "भ्रमर-गीतसार' अत्यधिक महत्त्वपूर्ण हैं।
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