"इलैक्ट्रॉनिक्स": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो HotCat द्वारा श्रेणी:तकनीकी हटाई |
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1:
[[चित्र:Arduino ftdi chip-1.jpg|right|thumb|300px|तल पर जुड़ने वाले (सरफेस माउंट) एलेक्ट्रानिक अवयव]]
[[विज्ञान]] के अन्तर्गत '''इलेक्ट्रॉनिक्स''' या इलेक्ट्रॉनिकी विज्ञान और प्रौद्योगिकी का वह क्षेत्र है जो विभिन्न प्रकार के माध्यमों (निर्वात, गैस, धातु, अर्धचालक, नैनो-संरचना आदि) से होकर [[आवेश]] (मुख्यतः [[इलेक्ट्रॉन]]) के प्रवाह एवं
[[प्रौद्योगिकी]] के रूप में इलेक्ट्रॉनिकी वह क्षेत्र है जो विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक युक्तियों ([[प्रतिरोध]], [[संधारित्र]], इन्डक्टर, [[इलेक्ट्रॉन ट्यूब]], [[डायोड]], [[ट्रान्जिस्टर]], [[एकीकृत परिपथ]] (IC) आदि) का प्रयोग करके उपयुक्त [[विद्युत परिपथ]] का निर्माण करने एवं उनके द्वारा विद्युत संकेतों को वांछित तरीके से बदलने (manipulation) से संबंधित है। इसमें तरह-तरह की युक्तियों का अध्ययन, उनमें सुधार तथा नयी युक्तियों का निर्माण आदि भी शामिल है।
पंक्ति 19:
== इलेक्ट्रॉनिकी का इतिहास ==
'''{{मुख्य|इलेक्ट्रॉनिक इंजिनीयरी का इतिहास}}'''
इलेक्ट्रॉनिकी का आधुनिक रूप [[रेडियो]] एवं [[दूरदर्शन]] के विकास के रूप में सामने आया। साथ ही [[द्वितीय विश्व युद्ध]] में प्रयुक्त रक्षा उपकरणों एवं रक्षा-तन्त्रों से भी इसका महत्व उभरकर सामने आया। किन्तु इलेक्ट्रॉनिकी की नीव बहुत पहले ही रखी जा चुकी थी।
इलेक्ट्रॉनिकी के विकास की मुख्य घटनायें एवं चरण संक्षेप में इस प्रकार हैं:
* '''१८८३''' - [[थॉमस अल्वा एडिसन]] ने पाया कि [[निर्वात]] में इलेक्ट्रान धातु के एक चालक से दूसरे चालक में प्रवाहित हो सकते हैं। बाद में इसी सिद्धान्त पर [[निर्वात]] [[डायोड]] और [[ट्रायोड]] बने।
* '''१८९३''' में [[निकोलाई टेस्ला]] द्वारा रेडियो संचार का प्रदर्शन
Line 30 ⟶ 32:
* '''१९०४''' में [[जॉन अम्ब्रोस फ्लेमिंग]] ने पहला [[डायोड]] बनाया जिसे '''रेडियो ट्यूब''' कहा गया।
* '''१९०६''' में [[रॉबर्ट बान लीबेन]] और [[ली डी फारेस्ट]] ने स्वतन्त्र रूप से [[ट्रायोड]] का निर्माण किया जो [[प्रवर्धन|प्रवर्धक]] (एम्प्लिफायर) का काम करने में सक्षम थी।
* '''१९४७''' में [[बेल प्रयोगशाला]] में कार्यरत [[विलियम शाक्ले]] ने [[ट्रांजिस्टर]] का आविष्कार किया। इस आविष्कार के फलस्वरूप इलेक्ट्रॉनिकी निर्वात-नलिका पर आधारित इलेक्ट्रॉनिक युक्तियों से हटकर एक नये युग में प्रवेश कर गयी। अब छोटे-छोटे रेडियो आने लगे।
|