"उत्तररामचरितम्": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
|||
पंक्ति 6:
==टीकाएँ==
उत्तररामचरित पर अनेक टीकाएँ उपलब्ध हैं जिनमें घनश्याम, वीरराघव, नारायण और रामचंद्र बुधेंद्र की टीकाएँ प्रसिद्ध हैं। इसके अनेक भारतीय संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं। इनके अधिक प्रचलित निर्णयसागर संस्करण है, जिसका प्रथम संस्करण सन् 1899 में बंबई से प्रकाशित हुआ था। इसके और भी अनेक संपादन निकल चुके हैं। इनमें प्रसिद्ध संस्करण ये हैं : सी.एच. टानी द्वारा अंग्रेजी अनुवाद सहित प्रकाशित (कलकत्ता, 1871), फ्रेंच अनुवाद सहित फ़ेलीनेव (क़ड्ढ"थ्त्न् ग़्ड्ढ"ध्ड्ढ) द्वारा ब्रूसेल्स तथा पेरिस से 1880 में प्रकाशित, डॉ. बेल्वेलकर द्वारा केवल अंग्रेजी अनुवाद तथा भूमिका के रूप में हार्वर्ड ओरिएंटल सीरीज़ में संपादित (1915 ई.)।
= =
''''तपस्विनी'काव्य पर भवभूति का प्रभाव :'''
* http://hkmeher.blogspot.com/2008/07/tapasvini-ek-parichaya-harekrishna_27.html
* http://hkmeher.blogspot.com/2008/07/gangadhara-mehers-tapasvini.html
|