"पुरोहिताई": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
(कोई अंतर नहीं)
|
03:39, 24 फ़रवरी 2009 का अवतरण
हिन्दू धर्म में चार वर्ण क्षत्रिय ब्राह्मण वैश्य और शूद्र कार्यानुसार विभाजित किये गये थे। क्षत्रिय का कार्य रक्षा करना होता था। वैश्य का कार्य व्यापार और अनाज उत्पादन के द्वारा सभी वर्णों का पालन पोषण करना होता था। शूद्र का सभी वर्णों के लोगों की सेवा करना होता था। ब्राह्मण का कार्य वैदिक रीति से समाज के संचालन में सहायता करना और पांडित्य कला के द्वारा समाज को वैदिक कार्यकलापों में लगाये रहने का कार्य माना जाता था। जिसके अन्दर पूजा पाठ संस्कार और समाज को संचालित करने के नियमों पर चलने के लिये सभी वर्णों को पुरोहिताई के द्वारा संगठित रखा जाता था।