[[चित्र:Listing1.jpg|350px|thumb|right|'बेसिक' नामक संगणक भाषा में लिखे किसी प्रोग्राम की कुछ पंक्तियाँ]]
सामान्य जीवन मे जब हम किसी कार्य विशेष को करने का निर्णय करते हैहैं तो उस कार्य को करने से पूर्व उसकी रूपरेखा सुनिश्चित की जाती है। कार्य से संबंधित समस्त आवश्यक शर्तो का अनुपालन उचित प्रकार हो एवं कार्य मे आने वाली बाधाओ पर विचार कर उनको दूर करने की प्रक्रिया भी रूपरेखा तैयार करते समय महत्वपूर्ण विचारणीय विषय होते है।हैं। कार्य के प्रारम्भ होने से कार्य के सम्पन्न होने तक के एक एक चरण पर पुनर्विचार करके रूपरेखा को अंतिम रूप देकर उस कार्य विशेष को सम्पन्न किया जाता है।
इसी प्रकार संगणक द्वारा, उसकी क्षमता के अनुसार, वाँछित कार्य क''तिरछे अक्षर''राये जा सकते है।हैं। इसके लिये आवश्यकता है [[संगणक]] को एक निश्चित तकनीक व क्रम मे निर्देश दिये जाने की, ताकि संगणक द्वारा इन निर्देशों का अनुपालन कराकर वांछित कार्य को समपन्न किया जा सके। सामान्य बोलचाल की भाषा मे इसे '''क्रमानुदेशन''' या '''प्रोग्रामन''' या '''क्रमानुदेशन''' कहते है।हैं। सभी निर्देशों के समूह (सम्पूर्ण निर्देशावली) को [[प्रोग्राम]] कहा जाता है।