"अनुष्टुप छंद": अवतरणों में अंतर
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'''अनुष्टुप छन्द''' [[संस्कृत]] काव्य में सर्वाधिक प्रयुक्त [[छन्द]] है, इसका [[वेद|वेदों]] में भी प्रयोग हुआ
==संरचना==
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उदाहरण -[[ ऋग्वेद]] में मिलता है (३.५३.१२)
य इमे रोदसी उभे अहमइन्द्रम
विश्वामित्रस्य रक्षति ब्रह्मिदं भारतं
वेदों में इसके विभेद स्वरूप महापद पंक्ति (३१ वर्णों वाला) और विराट् भी अनुष्टुप के ही रूप माने गए
== बाहरी कड़ियाँ ==
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