→द्रव की आणविक रचना
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साधारणत: कोई भी पदार्थ केवल एक ही प्रकार के द्रव रूप में प्राप्त होता है, किंतु इसके कुछ अपवाद भी मिलते हैं, जैसे हीलियम गैस को द्रवित करके दो प्रकार के हीलियम द्रव प्राप्त किए जा सकते हैं। उसी प्रकार पैरा-ऐज़ॉक्सी-ऐनिसोल (Para-azoxy-anisole) प्रकाशत: विषमदैशिक (anisotropic) द्रव के रूप में, क्रिस्टलीय अवस्था में तथा सामान्य द्रव के रूप में भी प्राप्त हो सकता है।
== द्रव की
प्रत्येक द्रव्य के अणु एक दूसरे को आकर्षित किए रहते हैं। इस आकर्षण को अंतराणुक आकर्षण कहते हैं। इसी के कारण किसी द्रव्य के अणु एकत्र रहते हैं। द्रव्य के अणुओं पर एक विकर्षण बल भी लगता रहता है। यह बल अणुओं को एक दूसरे के अति निकट आने से रोकता है। ठोस के अणुओं के बीच ये बल प्रबल होते हैं। द्रवों में इनके मान अल्प और गैसों में लगभग नगण्य होते हैं।
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