"लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर": अवतरणों में अंतर

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== वर्तमान स्थिति ==
[[चित्र:LHC quadrupole magnets.jpg|right|thumb| '''एलएचसी की सुरंग के अन्दर के एक छोटे से भाग का दृश्य''' सामने दिख रहा अवयव क्वाड्रूपोल चुम्बक है जो अमेरिका के फर्मीलैब द्वारा निर्मित है।]]
सभी [[अतिचालक]] चुम्बकों की जाँच हो चुकी थी। १.९ केल्विन के अतिनिम्न ताप पर इन्हें जाँचा जा चुका था। सितम्बर २००८ में इसमें प्रोटॉन किरण पुंज (बीम) डालकर उसकी उर्जा बढाई गई और उसके बाद [[१० सितंबर]] [[२००८]] को पहली बार इसमें सफलता पूर्वक [[प्रोटान]] धारा प्रवाहित की गई। हँलाकिहालाँकि कुछ व्यक्तियों एंव वैज्ञानिकों ने इस प्रयोग से पूरे विश्व के नष्ट हो जाने की सम्भावना और डर व्यक्त कीकिया तथा इस परियोजना के सुरक्षा से जुड़े पहलुओं पर न्यायालय के माध्यम से सवाल उठाएं।उठाए। परंतु वैज्ञानिक समुदाय ने इनको बेबिनियादबेबुनियाद करार दिया है।दिया। न्यायालय ने भी इस परियोजना पर रोक लगाए जाने की याचिका को नामंजूर कर दिया है।दिया। १९ सितंबर 2008२००८ को दो अतिचालक चुम्बकों में खराबी आ जाने के कारण इस प्रयोग को रोक देना पड़ा है।पड़ा।<ref>{{cite web |url=http://news.bbc.co.uk/2/hi/science/nature/7632408.stm |title=Collider halted until next year |date=23 सितंबर 2008 |publisher=BBC News |accessdate=2008-10-09}}</ref> इस क्षति के कारण जुलाई 2009 के पहले इसके शूरू होनेन हो पाने की सम्भावना नहींव्यक्त की है।गई।<ref name="TimesSummer">{{cite web|url=http://www.timesonline.co.uk/tol/news/uk/science/article5174917.ece|title=Large Hadron Collider to remain shut until middle of next year|date=17 नवम्बर 2008|publisher=Times Online|accessdate=2008-18-11}}</ref><ref name="cnet">{{cite web| url=http://news.cnet.com/8301-11386_3-10109941-76.html?part=rss| title=A longer delay for the Large Hadron Collider| date=30 november 2008| publisher= CNET news| author=Tom Espiner}}</ref><ref name="CERNsummer">{{cite web|url=http://press.web.cern.ch/press/PressReleases/Releases2008/PR17.08E.html|title=LHC to restart in 2009|date= 5 दिसम्बर 2008|publisher=CERN Press Office|accessdate=2008-12-8}}</ref>
 
[[३० मार्च]], [[२०१०]] को इस मशीन में वैज्ञानिक दो प्रोटोन किरणों की आमने-सामने की महाटक्कर करवाने में सफल रहे। अब तक किसी मशीन से पैदा किए गए सबसे अधिक बल से करवाई गई इस टक्कर से रिकॉर्ड ऊर्जा पैदा हुई। इस प्रयोग के आंकडों का अध्ययन कर वैज्ञानिक पता लगाएंगे कि [[बिग बैंग]] के बाद पदार्थ ठोस आधार में किस प्रकार बदल गये, तारों और ग्रहों की उत्पत्ति कैसे हुई!<ref>[http://www.rajasthanpatrika.com/news/31032010/home-news/97016.html ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के जल्द खुलेंगे राज !]। गुरुवार, ०१ अप्रैल २०१०। राजस्थान पत्रिका</ref><ref>[http://khabar.ndtv.com/2010/03/30221139/Mahaprayog.html ब्रह्मांड की गुत्थी सुलझाने के नजदीक पहुंचे वैज्ञानिक]। खबर-एनडीटीवी। जिनेवा। ३० मार्च २०१०</ref>