माउंटबेटन 1969 से 1974 तक [[आइल ऑफ़ वाइट|आइल ऑफ वाइट]] के गर्वनर मनोनीत रहे फिर 1974 में [[आइल ऑफ़ वाइट|आइल ऑफ वाइट]] के पहले लॉर्ड लेफ्टिनेंट बने. अपनी मृत्यु तक वो इसी पद पर रहे.
1967 से 1978 तक माउंटबेटन संयुक्त विश्व महाविद्यालय संगठन के अध्येक्षअध्यक्ष रहे, जो दक्षिण वेल्स के एकमात्र महाविद्यालय अटलांटिक महाविद्यालय का प्रतिनिधित्व करता था। माउंटबेटन ने संयुक्त विश्व महाविद्यालय का समर्थन किया और राज्य के प्रमुखों, राजनीतिज्ञों और विश्व की प्रमुख हस्तियों को अपनी-अपनी रुचियां बांटने के लिए प्रेरित किया। माउंटबेटन की अध्यक्षता और व्यक्तिगत सहभागिता के चलते ही 1971 में दक्षिण-पूर्वी एशिया में [[सिंगापुर]] में संयुक्त विश्व महाविद्यालय की स्थापना हुई थी, जो बाद में प्रशांत का संयुक्त विश्व महाविद्यालय (अब प्रशांत के लेस्टर बी पीयर्सन संयुक्त विश्व महाविद्यालय के नाम से जाना जाता है) विक्टोरिया, कनाडा में 1974 में स्थापित हुआ। 1978 में, बर्मा के लॉर्ड माउंटबेटन ने अपनी सत्ता वेल्स के युवराज एवं अपने महान भतीजे एचआरएच को सौंप दी.<ref>{{Cite web| url = http://www.uwc.org/about_history.html | title = History | publisher = UWC}}</ref>