"जयचन्द विद्यालंकार": अवतरणों में अंतर

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'''जयचन्द विद्यालंकार''' (१८८९५ दिसंबर, १८९८ - )<ref>[http://www.rajdhani.com.np/article/0757638001462540340 गत ५ दिसंबर १९६८ को मेरी आयुके ७० वर्ष पूर्ण हुए]</ref> [[भारत]] के महान इतिहासकार एवं लेखक थे। वे [[स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती|स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती]], [[गौरीशंकर हीराचन्द ओझा]] और [[काशीप्रसाद जायसवाल]] के शिष्य थे। उन्होने ‘[[भारतीय इतिहास परिषद]]’ नामक संस्था खड़ी की थी। उनका उद्देश्य भारतीय दृष्टि से समस्त अध्ययन को आयोजित करना और भारत की सभी भाषाओं में ऊंचे साहित्य का विकास करना था। जयचन्द विद्यालंकार ही [[भगत सिंह]] के राजनीतिक गुरु थे।
 
जयचन्द्र विद्यालंकार भारत में इतिहास की ऐसी प्रतिभा माने जाते हैं कि लोगों ने इतिहास की उनकी मूल धारणाओं तक पहुँचने के लिये विधिवत हिन्दी का अध्ययन किया। उन्हें अपनी धारणाएं हिन्दी में ही सामने रखने की जिद थी।<ref>[https://books.google.co.in/books?id=HQbIYRU25IcC&printsec=frontcover#v=onepage&q&f=false गुजरा कहाँ कहां से (पृष्ट १४२)] (गूगल पुस्तक ; लेखक- कन्हैयालाल नन्दन)</ref>