"श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Ghodham.jpg|350px| पथमेड़ा गोधाम का 50-एकर साइट, गाय कि सेवा करते एक साधु।]]
पथमेड़ा गोधाम का 50-एकर साइट, गाय कि सेवा करते एक साधु
आनंदवन पथमेड़ा भारत देश की वह पावन व मनोरम भूमि हैं जिसे भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र सें द्वारका जाते समय श्रावण भादों माह में रुक कर वृंदावन से लायी हुई भूमंड़ल की सर्वाधिक दुधारु जुझारु साहसी शौर्यवान सौम्यवान गायों के चरने व विचरनें के लिए चुना था। यह आनंदवन मारवाड़ काठियावाड़ व थारपारकर की गोपालन लोक सन्स्कृति का ललित संयोग हैं। साथ ही भूगर्भ से बह रही पावन सरस्वती व कच्छ के रण में फैली हुई सिंधु तथा धरा पर बहने वाली सावित्री नदी द्वारा जन्म-जन्म के पापों का शमन करनें वाले श्री कृष्ण कामधेनु एवं कल्पगुरु दत्तात्रेय की आराधना का परम पावन त्रिवेणी संगम स्थल हैं। गत १२ शताब्दियों से कामधेनू कपिला व सुरभि की संतान गोवंश पर होनेवाले अत्याचारों को रोकने के लिए सन १९९३ में राष्ट्रव्यापी रचनात्मक गोसेवा अभियान का प्रारम्भ इसी स्थान से हुआ हैं।
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