"भूदान आन्दोलन": अवतरणों में अंतर

No edit summary
No edit summary
पंक्ति 1:
[[चित्र:[[File:Bhoodan yojana.jpg|thumb|Santh viondha bhave]]|350px| सन्त विनोधविनोधा भावे| वृक्ष ही विकास है ।]]
 
'''भूदान आन्दोलन''' [[विनोबा भावे|सन्त विनोबा भावे]] द्वारा सन् १९५१ में आरम्भ किया गया स्वैच्छिक भूमि सुधार आन्दोलन था। विनोबा की कोशिश थी कि भूमि का पुनर्वितरण सिर्फ सरकारी कानूनों के जरिए नहीं हो, बल्कि एक आंदोलन के माध्यम से इसकी सफल कोशिश की जाए। 20वीं सदी के पचासवें दशक में भूदान आंदोलन को सफल बनाने के लिए विनोबा ने गांधीवादी विचारों पर चलते हुए रचनात्मक कार्यों और ट्रस्टीशिप जैसे विचारों को प्रयोग में लाया। उन्होंने सर्वोदय समाज की स्थापना की। यह रचनात्मक कार्यकर्ताओं का अखिल भारतीय संघ था। इसका उद्देश्य अहिंसात्मक तरीके से देश में सामाजिक परिवर्तन लाना था।