"पूर्ण प्रतियोगिता": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary |
चित्र हटाया, लेख से संबंधित नहीं। |
||
पंक्ति 1:
'''पूर्ण प्रतियोगिता''' बाजार के उस रूप का नाम है जिसमें विक्रेताओं की संख्या की कोइ सीमा नहीं होती। फ़लतः कोइ भी एक उत्पादक (विक्रेता) बाजार में वस्तु की कीमत पर प्रभाव नहीं डाल सकता। अर्थशास्त्र में [[बाजार]] को मुख्त्यः दो रूपों में बांटा जाता है: पूर्ण प्रतियोगिता और अपूर्ण प्रतियोगिता। बाजार संरचना के दो चरम बिन्दुओं पर पूर्ण प्रतियोगिता और [[एकाधिकार]] हैं।
|