"राजा जयसिंह के नाम शिवाजी का पत्र": अवतरणों में अंतर

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[[File:Jai Singh and Shivaji.jpg|thumb|राजा जयसिंह और शिवाजी, पुरन्दर संधि के समापन से एक दिन पहले]]
भारतीय इतिहास में दो ऐसे पत्र मिलते हैं जिन्हें दो विख्यात महापुरुषों ने दो कुख्यात व्यक्तिओं को लिखे थे। इनमे पहिला पत्र "[[जफरनामा]]" कहलाता है जिसे श्री [[गुरु गोविन्द सिंह]] ने औरंगजेब को भाई दया सिंह के हाथों भेजा था। यह [[दशम ग्रन्थ]] में शामिल है जिसमे कुल 130 पद हैं। दूसरा पत्र [[छ्त्रपति शिवाजी]] ने आमेर के राजा जयसिंह को भेजा था जो उसे 3 मार्च 1665 को मिल गया था। इन दोनों पत्रों में यह समानताएं हैं की दोनों [[फारसी]] भाषा में शेर के रूप में लिखे गए हैं। दोनों की पृष्टभूमि और विषय एक जैसी है। दोनों में देश और धर्म के प्रति अटूट प्रेम प्रकट किया गया है।