"मरुद्गण": अवतरणों में अंतर

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[[File:Murudgan.jpg|thumb|मरुद्गण]]
'''मरुद्गण''' (=मरुत् + गण) एक देवगण का नाम। [[वेद|वेदों]] में इन्हें [[रुद्र]] और [[वृश्नि]] का पुत्र लिखा है और इनकी संख्या ६० की तिगुनी मानी गई है; पर [[पुराण|पुराणों]] में इन्हें कश्यप और दिति का पुत्र लिखा गया है जिसे उसके वैमात्रिक भाई [[इंद्र]] ने गर्भ काटकर एक से उनचास टुकड़े कर डाले थे, जो उनचास मरुद् हुए। वेदों में मरुदगण का स्थान अंतरिक्ष लिखा है, उनके घोड़े का नाम 'पृशित' बतलाया है तथा उन्हें [[इंद्र]] का सखा लिखा है। पुराणों में इन्हें [[वायुकोण]] का [[दिक्पाल]] माना गया है