"आचार्य रामदेव": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:|thumb|[[File:Acharya ramdev.png||the greatest teacher]]thumb|350px| आचार्य रामदेव ।]]
 
'''आचार्य रामदेव''' (जन्म: ३१ जुलाई १८८१ - मृत्यु: ९ दिसम्बर १९३९) [[आर्यसमाज]] के नेता, शिक्षाशास्त्री, इतिहासकार, स्वतन्त्रता-संग्राम सेनानी एवं महान वक्ता थे। उन्होने भारतीय इतिहास के सम्बन्ध में मौलिक अनुसन्धान कर [[हिन्दी]] में अपना प्रसिद्ध ग्रन्थ '''भारतवर्ष का इतिहास''' प्रकाशित किया। आचार्य रामदेव जी ने १९२३ में [[देहरादून]] में कन्या गुरुकुल की स्थापना की जो 'कन्या गुरुकुल महाविद्यालय' नाम से जाना जाता है तथा [[गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय]] का भाग है।
 
[[चित्र:|thumb|[[File:Acharya ramdev.png||the greatest teacher]]|350px|आचार्य रामदेव ।]]
== परिचय ==
आचार्य रामदेव का जन्म [[पंजाब (भारत)|पंजाब]] प्रान्त में [[होशियारपुर]] जिले के बजवाड़ा [[ग्राम]] में हुआ था। उनके पिता का नाम लाला चन्दूलाल था। वे अध्यापक थे, अत: उन्होंने अपने पुत्र की शिक्षा की व्यवस्था सुचारु रूप से की। १५ वर्ष की आयु में रामदेव जी ने मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की और डी.ए.वी. कॉलेज [[लाहौर]] में अध्ययनार्थ प्रविष्ट हुए। उन दिनों गुरुकुल दल और कॉलेज दल में मतभेद पराकाष्ठा पर थे। रामदेव की सहानभूति गुरुकुल दल की और होने के कारण उन्हें कॉलेज से निष्कासित कर दिया गया। ऐसे कठिन समय में उन्हें [[महात्मा मुंशीराम]] जी ने सहारा दिया। मुंशीराम ने उन्हें आर्य प्रतिनिधि सभा पंजाब की साप्ताहिक पत्रिका ('''आर्यपत्रिका''') का उपसम्पादक बना दिया। उन्होंने १९०४ में बी.ए. और १९०५ में सेण्ट्रल कॉलेज लाहौर से बी.टी. की परीक्षा उतीर्ण की।