"पंचगव्य": अवतरणों में अंतर

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[[गाय]] के [[दूध]], [[दही]], [[घी]], [[गोमूत्र]] और [[गोबर]] का पानी को सामूहिक रूप से '''पंचगव्य''' कहा जाता है। [[आयुर्वेद]] में इसे औषधि की मान्यता है। [[हिन्दू|हिन्दुओं]] के कोई भी मांगलिक कार्य इनके बिना पूरे नहीं होते।
[[चित्र:गाय.jpg|thumb|पंचगव्यपंचगव्यं]]
[[File:British white.jpg|British white]]
https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Cowwwwwww.jpg
== पंचगव्य का चिकित्सकीय महत्व ==
पंचगव्य का निर्माण गाय के दूध, दही, घी, मूत्र, गोबर के द्वारा किया जाता है। पंचगव्य द्वारा शरीर के रोगनिरोधक क्षमता को बढाकर रोगों को दूर किया जाता है। गोमूत्र में प्रति ऑक्सीकरण की क्षमता के कारण डीएनए को नष्ट होने से बचाया जा सकता है। गाय के गोबर का चर्म रोगों में उपचारीय महत्व सर्वविदित है। दही एवं घी के पोषण मान की उच्चता से सभी परिचित हैं। दूध का प्रयोग विभिन्न प्रकार से भारतीय संस्कृति में पुरातन काल से होता आ रहा है। घी का प्रयोग शरीर की क्षमता को बढ़ाने एवं मानसिक विकास के लिए किया जाता है। दही में सुपाच्य प्रोटीन एवं लाभकारी जीवाणु होते हैं जो क्षुधा को बढ़ाने में सहायता करते हैं। पंचगव्य का निर्माण देसी मुक्त वन विचरण करने वाली गायों से प्राप्त उत्पादों द्वारा ही करना चाहिए।