"सोमवती अमावस्या": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Teacher1943 (वार्ता | योगदान) No edit summary |
Teacher1943 (वार्ता | योगदान) |
||
पंक्ति 27:
== महिमा ==
पीपल के पेड़ में सभी देवों का वास होता है।<ref name="अविरत"/> अतः, सोमवती अमावस्या के दिन से शुरू करके जो व्यक्ति हर अमावस्या के दिन भँवरी (परिक्रमा करना ) देता है, उसके सुख और सौभग्य में वृद्धि होती है। जो हर अमावस्या को न कर सके, वह सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या के दिन १०८ वस्तुओं कि भँवरी देकर सोना धोबिन और गौरी-गणेश कि पूजा करता है, उसे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
== विधान ==
|