"फुलकारी": अवतरणों में अंतर
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'''फुलकारी'' एक तरहां की [[कढाई]] होती है जो चुनरी /दुपटो पर हाथों से की जाती है। फुलकारी शब्द "फूल" और "कारी" से बना है जिसका
=कला का प्रतीक=▼
पुराने समय में बचपन में ही लड्किंया इस कला को सीख लेती थी और अपनी शादी के लिए दहेज बनाने लगती थी।यह लड़की की शख्शीअत की कला का प्रतीक मानी जाती थी।▼
==प्रयोग ==▼
*शादी और त्यौहार ▼
*शगुनो के समय ▼
*लोक दाज में लड़किओं को फुलकारियां के बाग़ देते थे । ▼
▲==कला का प्रतीक==
▲पुराने समय में बचपन में ही
▲==प्रयोग ==
▲* शादी और त्यौहार
▲* लोक दाज में लड़किओं को फुलकारियां के बाग़ देते थे ।
*लांवा फेरे लेने के समय
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{{टिप्पणीसूची}}
==बाहरी कड़ियाँ==
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* [http://www.jankiphulkari.com Founder of Phulkara website]
[[श्रेणी:पंजाबी विरासत
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