"क्रेन": अवतरणों में अंतर

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आंभस क्रेन बहुत शक्तिशाली और अधिक काम करनेवाली होते हैं। केवल एक कपाट (valve) को खोलने और बंद करने से ही इस क्रेन को चलाया जा सकता है। इस प्रकार के क्रेन चित्र (2) में देखें। इस चित्र में बाई ओर आंभस रंभ है जिसके नीचे एक घिरनी (2) लगाई गई है। इसके मेष (4) के ऊपर घिरनी (3) है। दाहिनी ओर के चित्र में रंभ के स्थान पर रस्से या क्रेन का एक किनारा बाँध दिया गया है। यह रस्सा घिरनी (2) तथा (3) पर से होता हुआ उस भार पर चला जाता है जिसको उठाना है। इस क्रेन में कुल तीन घिरनियाँ हैं। इसलिए जब मेष को एक फुट उठाया जायगा तो भार छह फुट उठेगा, क्योंकि घिरनियों पर छह रस्से हैं इस प्रकार इस क्रेन से भार को क्रेन के मेष की गति से छह गुना ऊँचा उठाया जा सकता है।
 
कम दाम पर बिजली मिल जाने के कारण विद्युच्चालित क्रेनों का उपयोग बढ़ गया है। ये क्रेन बिना किसी कठिनाई के चलाए जा सकते हैं। ऐसे क्रेनों को चलानेवाले गरमी और धुएँ से भी बचे रहते हैं। मोटर की शक्ति पर ही क्रेन की शक्ति आधारित है। क्रेन पर पूरा भार कभी ही पड़ता है, इसीलिये क्रे न के मोटर की शक्ति की जानकारी के लिये इसका [[भार अनुपात]] (Load factor) अनुपात देखा जाता है।
 
=== भार अनुपात ===
"https://hi.wikipedia.org/wiki/क्रेन" से प्राप्त