"शुकनासोपदेश": अवतरणों में अंतर

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'''शुकनासोपदेशः''' (शुकनास का उपदेश), [[बाणभट्ट]]कृत [[कादम्बरी]] का ही एक अंश है। [[गीता]] की तरह शुकनासोपदेश का भी स्वतंत्र महत्व है। यह एक ऐसा उपदेशात्मक ग्रंथ है जिसमें जीवन दर्शन का एक भी पक्ष बाणभट्ट की दृष्टि से ओझल नहीं हो सका। इसमें राजा तारापीड का नीतिनिपुण एवं अनुभवी मन्त्री शुकनास राजकुमामार चन्द्रापीड को राज्याभिषेक के पूर्व वात्सल्य भाव से [[उपदेश]] देते हैं और रूप, यौवन, प्रभुता तथा ऐश्वर्य से उद्भूत दोषों से सावधान रहने की शिक्षा देते हैं। यह प्रत्येक युवक के लिए उपादेय उपदेश है।
 
चन्द्रापीड को दिये गये शुकनासोपदेश में कवि की प्रतिभा का चरमोत्कर्ष परिलक्षित होता है। कवि की लेखनी भावोद्रेक में बहती हुर्इसी प्रतीत होती है। शुकनासोपदेश में ऐसा प्रतीत होता है मानो सरस्वती साक्षात मूर्तिमती होकर बोल रही हैं।
 
शुकनासोपदेश का नायक राजकुमार चन्द्रापीड है, जो सत्व, शौर्य और आर्जव भावों से युक्त है। शुकनास एक अनुभवी मन्त्री हैं जो चन्द्रापीड को राज्याभिषेक के पूर्व वात्सल्यभाव से उपदेश देते हैं। वे उसे युवावस्था में सुलभ रूप, यौवन, प्रभुता एवं ऐश्वर्य से उद्भूत दोषों वेफ विषय में सावधन कर देना उचित समझते हैं। इसे युवावस्था में प्रवेश कर रहे समस्त युवकों को प्रदत्त ‘दीक्षान्त भाषण’ कहा जा सकता है।
 
[[लक्ष्मी]] के बारे में शुकनास कहते हैं-
 
: ''आलोकयतु तावत् कल्याणाभिनिवेशी लक्ष्मीमेव प्रथमम् । इयं हि सुभटखड्गमण्डलोत्पलवनविभ्रमभ्रमरी लक्ष्मीः क्षीरसागरात्पारिजातपल्लवेम्यो रागम्, इन्दुशकलादेकान्तवक्रताम्, उच्चैः श्रवसश्चञ्चलताम्, कालकूटान्मोहनशक्तिं मदिराया मदम्, कौस्तुभमणेर्नैष्ठुर्यम्, इत्येतानि सहवासपरिचयवशात् विरहविनोदचिह्नानि गृहीत्वैवोद्गता । न ह्येवंविधमपरिचितमिह जगति किञ्चिदस्ति यथेयमनार्या । लब्धापि खलु दुःखेन परिपाल्यते । दृढगुणपाशसन्दाननिस्पन्दीकृता अपि नश्यति । उद्दामदर्पभटसहस्नोल्लासितासिलतापञ्जरविधृता अप्यपक्रामति । मदजलदुर्दिदनान्धकारगजघटितघनघटापरिपालिता अपि प्रपलायते । न परिचयं रक्षति । नाभिजनमीक्षते । न रूपमालोकयते । न कुलक्रममनुवर्तते । न शीलं पश्यति । न वैदग्ध्यं गणयति । न श्रुतमाकर्णयति । न धर्ममनुरुध्यते । न त्यागमाद्रियते । न विशेषज्ञतां विचारयति । नाचारं पालयति । न सत्यमनुबुध्यते । न लक्षणं प्रमाणीकरोति । गन्धर्वनगरलेखा इव पश्यत एव नश्यति ।
 
==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://books.google.co.in/books?id=2f5Yex2SD9QC&printsec=frontcover#v=onepage&q&f=true कादम्बरी] (गूगल पुस्तक)
*[http://morebhagavadgeetas.blogspot.in/2013/07/shukanaasa-geetaa.html SHUKANAASA’S INSTRUCTIONS TO CHANDRAAPEEDA]
*[https://drive.google.com/file/d/0B_LGsD7c1wAtMFVmTVJXTWNXZE0/view शुकनासोपदेश्ः]
 
[[श्रेणी:संस्कृत साहित्य]]