"हिन्दू काल गणना": अवतरणों में अंतर

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हम वर्तमान में वर्तमान ब्रह्मा के इक्यावनवें वर्ष में सातवें मनु, वैवस्वत मनु के शासन में श्वेतवाराह कल्प के द्वितीय परार्ध में, अठ्ठाईसवें कलियुग के प्रथम वर्ष के प्रथम दिवस में विक्रम संवत 2070 में हैं। इस प्रकार अबतक १५ नील, ५५ खरब, २१ अरब, ९७ करोड़, १९ लाख, ६१ हज़ार, ६२० वर्ष इस ब्रह्मा को सॄजित हुए हो गये हैं।
 
ग्रेगोरियन कैलेण्डर के अनुसार वर्तमान कलियुग दिनाँक [[17 फरवरी]] / [[18 फरवरी]] को [[३१०२ ईसा पूर्व|3102 ई.पू.]] में हुआ था।
इस बात वेदांग ज्योतिसके व्यख्याकार नहि मानते हैं| उनका कहना है वह समय महाभारत युद्धसमय है इसके ३६ साल बाद यदुवंश विनाश हुआ उसी दिन से वास्तविक कलियुग प्रारम्भ हो गया | इस गणित से आज वि.सं. २०७३|४|१५ दिनांकको
कलिसंवत् ५०८१|८वे मासके कृष्ण एकादशी तिथि चल रहा है |
 
ब्रह्मा जी के एक दिन में १४ इन्द्र मर जाते है और इनकी जगह नए देवता इन्द्र का स्थान लेते है. इतनी बड़ी ही ब्रह्मा की रात्रि होती है. दिन की इस गणना के आधार पर ब्रह्मा की आयु १०० वर्ष होती है फिर ब्रह्मा मर जाते है और दूसरा देवता ब्रह्मा का स्थान ग्रहण करते हैं . ब्रह्मा की आयु के बराबर विष्णु का एक दिन होता है. इस आधार पर विष्णु जी की आयु १०० वर्ष है. विष्णु जी १०० वर्ष का शंकर जी का एक दिन होता है. इस दिन और रात के अनुसार शंकर जी की आयु १०० वर्ष होती है.