"हिन्दू काल गणना": अवतरणों में अंतर

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भाग्यं चेति द्वादशैवयुगानिकथितानि हि||
# एके युगसंघे चान्द्राः षष्टिः संवत्सराः भवन्ति|
समयका मापन प्रारम्भ एक सूर्योदयसे और अहोरात्रका मापनका समापन अपर सूर्योदयसे होता है |अर्धरात्री से नहि होता है| जैसजैसा कि ""सूर्योदयकहा प्रमाणेनहै-
[[सूर्योदयप्रमाणेन अहप्रामाणिकोअहःप्रामाणिको भवेत्|
अर्धरात्रप्रमाणेन प्रपश्यन्तीतरे जनाः ||""]]
 
[[विष्णु पुराण]] में दी गई एक अन्य वैकल्पिक पद्धति [http://www.sacred-texts.com/hin/vp/vp037.htm समय मापन पद्धति अनुभाग, विष्णु पुराण, भाग-१, अध्याय तॄतीय] निम्न है: