"सुन्दरकाण्ड": अवतरणों में अंतर

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[[सुंदरकाण्ड]] मूलतः [[वाल्मीकि]] कृत [[रामायण]] का एक भाग (काण्ड या सोपान) है। [[गोस्वामी तुलसीदास]] कृत [[श्री राम चरित मानस]] तथा अन्य भाषाओं के रामायण में भी सुन्दरकाण्ड उपस्थित है। सुन्दरकाण्ड में हनुमान द्वारा किये गये महान कार्यों का वर्णन है। रामायण पाठ में सुन्दरकाण्ड के पाठ का विशेष महत्व माना जाता है। सुंदरकाण्ड में हनुमान का लंका प्रस्थान, लंका दहन से लंका से वापसी तक के घटनाक्रम आते हैं। इस सोपान के मुख्य घटनाक्रम है – हनुमानजी का लंका की ओर प्रस्थान, विभीषण से भेंट, सीता से भेंट करके उन्हें श्री राम की मुद्रिका देना, अक्षय कुमार का वध, लंका दहन और लंका से वापसी। रामायण में सुंदरकांड की कथा सबसे अलग है। संपूर्ण रामायण कथा [[श्रीराम]] के गुणों और उनके पुरुषार्थ को दर्शाती है किन्तु सुंदरकांड एकमात्र ऐसा अध्याय है, जो सिर्फ हनुमानजी की शक्ति और विजय का कांड है।
 
==कथा==
 
[[चित्र:Hanuman Encounters Sita in Ashokavana.jpg|thumb|Hanuman Encounters Sita in Ashokavana]]
[[हनुमान]] ने लंका की ओर प्रस्थान किया। [[सुरसा]] ने [[हनुमान]] की परीक्षा ली और उसे योग्य तथा सामर्थ्यवान पाकर आशीर्वाद दिया। मार्ग में [[हनुमान]] ने छाया पकड़ने वाली राक्षसी का वध किया और [[लंकिनी]] पर प्रहार करके [[लंका]] में प्रवेश किया। उनकी [[विभीषण]] से भेंट हुई। जब [[हनुमान]] [[अशोकवाटिका]] में पहुँचे तो [[रावण]] [[सीता]] को धमका रहा था। [[रावण]] के जाने पर [[त्रिजटा]] ने [[सीता]] को सान्तवना दी। एकान्त होने पर [[हनुमान]] ने [[सीता]] से भेंट करके उन्हें [[राम]] की [[मुद्रिका]] दी। [[हनुमान]] ने [[अशोकवाटिका]] का विध्वंस करके [[रावण]] के पुत्र [[अक्षय कुमार]] का वध कर दिया। [[मेघनाथ]] [[हनुमान]] को [[नागपाश]] में बांध कर [[रावण]] की सभा में ले गया। [[रावण]] के प्रश्न के उत्तर में [[हनुमान]] ने अपना परिचय [[राम]] के दूत के रूप में दिया। [[रावण]] ने [[हनुमान]] की पूँछ में तेल में डूबा हुआ कपड़ा बांध कर आग लगा दिया इस पर [[हनुमान]] ने [[लंका]]] का दहन कर दिया।