"फ़र्रुख़ सियर": अवतरणों में अंतर

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उसका पूरा नाम अब्बुल मुज़फ्फरुद्दीन मुहम्मद शाह फर्रुख़ सियर था। आलिम अकबर सानी वाला, शान पादशाही बह्र-उर्-बार, तथा शाहिदे-मज़्लूम उसके शाही खिताबों के नाम हुआ करते थे।
1715 ई0 में एक शिष्टमंडल जाॅन सुरमन की नेतृत्व में भारत आया। यह शिष्टमंडल उत्तरवर्ती मुग़ल शासक फर्रूखशियर की दरबार में 1717 ई0 में पहुँचा। उस समय फर्रूखशियर जानलेवा घाव से पीड़ित था। इस शिष्टमंडल में हैमिल्टन नामक डाॅक्टर थे जिन्होनें फर्रखशियर का इलाज किया था।इससे फर्रूखशियर खुश हुआ तथा अंग्रेजों को भारत में कहीं भी व्यापार करने की अनुमति तथा अंग्रेजों द्वारा बनाऐ गए सिक्के को भारत में सभी जगह मान्यता प्रदान कर दिया गया। फर्रूखशियर द्वारा जारी किये गए इस घोषणा को ईस्ट इंडिया कंपनी का मैग्ना कार्टा कहा जाता है। मैग्ना कार्टा का सर्वप्रथम 1215 ई0 में ब्रिटेन में जाॅन-II के द्वारा हुआ था।
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== मुग़ल सम्राटों का कालक्रम ==
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from:1837 till:1857 shift:(-30,-40) color:MUG text:"[[बहादुर शाह द्वितीय|बहादुर शाह II]] 1837–1857"
</timeline></center><br />
 
== सन्दर्भ ==
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