"नर्मदा नदी": अवतरणों में अंतर

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== हिन्दू धर्म में महत्व ==
[[चित्र:JhansiGhat.jpg|thumb|जबलपुर में नर्मदा]]
नर्मदा, समूचे विश्व में दिव्य व रहस्यमयी नदी है,इसकी महिमा का वर्णन चारों [[वेद|वेदों]] की व्याख्या में श्री [[विष्णु]] के अवतार वेदव्यास जी ने [[स्कन्द पुराण]] के रेवाखंड़ में किया है। इस नदी का प्राकट्य ही, विष्णु द्वारा अवतारों में किए राक्षस-वध के प्रायश्चित के लिए ही प्रभु शिव द्वारा अमरकण्टक (जिला शहडोल, मध्यप्रदेश जबलपुर-विलासपुर रेल लाईन-उडिसा मध्यप्रदेश ककी सीमा पर) के मैकल पर्वत पर कृपा सागर भगवान शंकर द्वारा १२ वर्ष की दिव्य कन्या के रूप में किया गया। महारूपवती होने के कारण विष्णु आदि देवताओं ने इस कन्या का नामकरण नर्मदा किया। इस दिव्य कन्या नर्मदा ने उत्तर वाहिनी गंगा के तट पर काशी के पंचक्रोशी क्षेत्र में १०,००० दिव्य वर्षों तक तपस्या करके प्रभु शिव से निम्न ऐसे वरदान प्राप्त किये जो कि अन्य किसी नदी और तीर्थ के पास नहीं है :'
नर्मदा, समूचे विश्व में दिव्य व रहस्यमयी नदी है,
 
प्रलय में भी मेरा नाश न हो। मैं विश्व में एकमात्र पाप-नाशिनी प्रसिद्ध होऊँ, यह अवधि अब समाप्त हो चुकी है। मेरा हर पाषाण (नर्मदेश्वर) शिवलिंग के रूप में बिना प्राण-प्रतिष्ठा के पूजित हो। विश्व में हर शिव-मंदिर में इसी दिव्य नदी के नर्मदेश्वर शिवलिंग विराजमान है। कई लोग जो इस रहस्य को नहीं जानते वे दूसरे पाषाण से निर्मित शिवलिंग स्थापित करते हैं ऐसे शिवलिंग भी स्थापित किये जा सकते हैं परन्तु उनकी प्राण-प्रतिष्ठा अनिवार्य है। जबकि श्री नर्मदेश्वर शिवलिंग बिना प्राण के पूजित है। मेरे (नर्मदा) के तट पर शिव-पार्वती सहित सभी देवता निवास करें।
 
सभी देवता, ऋषि मुनि, गणेश, कार्तिकेय, राम, लक्ष्मण, हनुमान आदि ने नर्मदा तट पर ही तपस्या करके सिद्धियाँ प्राप्त की। दिव्य नदी नर्मदा के दक्षिण तट पर सूर्य द्वारा तपस्या करके आदित्येश्वर तीर्थ स्थापित है। इस तीर्थ पर (अकाल पड़ने पर) ऋषियों द्वारा तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर दिव्य नदी नर्मदा १२ वर्ष की कन्या के रूप में प्रकट हो गई तब ऋषियों ने नर्मदा की स्तुति की। तब नर्मदा ऋषियों से बोली कि मेरे (नर्मदा के) तट पर देहधारी सद्गुरू से दीक्षा लेकर तपस्या करने पर ही प्रभु शिव की पूर्ण कृपा प्राप्त होती है। इस आदित्येश्वर तीर्थ पर हमारा आश्रम अपने भक्तों के अनुष्ठान करता है।
 
== ग्रंथों में उल्लेख ==