"हेलमट नेस्पिटल": अवतरणों में अंतर

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हेलमट नेस्पिटल ने कई पुस्तकें और चालीस से अधिक शोधपत्र कई दक्षिण एशियाई भाषाओं और उनकी समस्याओं पर लिखी हैं। उन्होंने इन भाषा साहित्यों पर भी लिखा है। यह भाषाएँ [[हिन्दी भाषा|हिन्दी]],
[[उर्दू]] और [[बंगाली भाषा|बंगाली]] हैं और कुछ हद तक [[गुजराती भाषा|गुजराती]], [[मराठी भाषा|मराठी]], [[पंजाबी भाषा|पंजाबी]], [[नेपाली भाषा|नेपाली]] और [[तमिल भाषा|तमिल]] हैं। इसके अलावा हेलमट ने में से कई भाषाओं साहित्य और [[पटकथा|फ़िल्मी पटकथाओं]] का जर्मन में अनुवाद किया। दक्षिण एशियाई भाषाओं पर उनकी एक महत्वपूर्ण किताब ''हिन्दी और उर्दू में भविष्य काल प्रणाली'' है जो 1981 में जर्मन भाषा में छपी है। उनके कई प्रकाशनों का लक्ष्य जर्मन और अन्य भाषाओं की भिन्नता की जांच और प्रयुक्त तथा सामान्य भाषाविज्ञान की समस्याओं को बयान करना था।
 
==भारत और दक्षिण एशिया से लगाव==
हेलमट नेस्पिटल को 32 भाषाओं का अच्छा ज्ञान था, जिनमें 12 दक्षिण एशिया की भाषाएँ थी। वह लगातार भारत में रहकर शोधकार्य या शिक्षा एवं छात्रों को संबोधित करते थे। 1974 में उन्हें "हिन्दी भाषा के विदेशी विद्वान" के रूप में पुरस्कार दिया गया।