"दिघोरी (गुरूधाम), सिवनी": अवतरणों में अंतर

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यह शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी की जन्म स्थली हैँ। दिघोरी [[भारत]] के [[राज्य]] [[मध्यप्रदेश]] के अन्तर्गत [[सिवनी]] जिले से 16 किलोमीटर ग्राम [[राहीवाड़ाराहीवाडा]] से पश्चिम दिशा मे गुरुधाम दिघोरी 8 किलोमीटर पर स्थित है यह एक ग्राम पँचायत हैँ।
== दिव्य स्फटिक शिवलिँग मंदिर==
श्री गुरूरत्नेश्वर धाम दिघोरी में विश्व का अनूठा स्फटिक का शिवलिंग स्थापित है। इसकी स्थापना सिवनी निवासी एवं द्वि पीठाधीश्वर शंकाराचार्य श्री स्वरूपानंद जी महाराज द्वारा की गई है। दिनांक 15 से 22 फरवरी 2002 में एक सप्ताह धार्मिक मेला का आयोजन किया गया और स्फटिंग के अनूठे शिवलिंग की स्थापना की गई। इस दौरान देश की समस्त पीठों के शंकराचार्य के अलावा देश में प्रचलित सभी धर्मो के महान धर्माचार्य पधारे थे। स्फटिंक का शिवलिंग बर्फ की चट्टानों के बीच कई वर्षो तक पत्थर के दबे रहने से ऐसा शिविलिंग निर्मित होता है। यह शिवलिंग काश्मीर से यहां लगाया गया था। इसके पूजन का भारतीय धर्म ग्रन्थों में बहुत महत्व बताया गया है। ग्राम दिघोरी जिला सिवनी में शंकराचार्य स्वरूपानंद जी महाराज का जन्म जिस स्थान पर हुआ था, वही पर स्फटिंग के मणि शिवलिंग का वैदिक मंत्रोच्चार के बाद चारों पीठों एवं अन्य धर्माचार्य की उपस्थिति में स्थापित किया गया है।