"कुचलन": अवतरणों में अंतर

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जब किसी बिना धार वाली वस्तु से शारीर[[शरीर]] पर चोंटचोट पहुंचतीपहुँचती है, तो उस जगह [[रक्त]] कोशिकायेकोशिकाएँ फट जाती हैं पर कोई कटाव नही होताहोता। उसरक्त जगह!कोशिकाओं रक्त कोशिकायेके फटने से आस पास रक्त भर जाता है और उस जगह सुजनका सूजन आ जाती है,है। यह सुजनसूजन शुरुआत में नीले रंग की होती है और वक्त के साथ-साथ इसका रंग भी बदलता है!है। इस सुजनसूजन को नील या कुचलनकुचलना कहते हैहैं! इस नील का आकर उस वस्तु के अनुसार पाया जाता है जिससे उसे चोंटचोट पहुंचाईपहुँची गई है!है। नील और सुजनसूजन शरीर के नाजुकनाज़ुक अंगो में ज्यादाज़्यादा दिखती है, जैसे की पलकें, कान, होंठ आदि!आदि। कई बार सुजनसूजन जिस जगह चोंटचोट लगी है उस स्थान पर न होकर नाजुकनाज़ुक स्थान पर दिखाई देती है, जैसे; सर पर चोंट का आभाव आँखों पर दिखाई देता है! इस प्रकार के नील को स्थानांतरित नील कहते हैं!
 
==कारण==
नील का कारण किसी भी बिना धर वाली चीज़ से चोंटचोट लगना है!है। परन्तु कभी -कभी सम्वाद्नीय नील बाल शोषण,घेरेलु हिंसा और अनेक रक्त से जुड़े रोगों की चेतावनी भी हो सकता है!है।
 
==आकर और आकृति==
नील और कुचलन का आकार गोल होता है!है। और यह आकर निर्भर करता है की किस वस्तु से चोंट लगी है! है।
 
== चिकित्सा के कुछ पहलू==
== मेडिकोलेगल बिंदु==
* नील के आकर एवम आकृति से अपराध में पर्युक्त वस्तु एवम आघात की गंभीरता का पता चलता है!
* नील को लगे हुए कितना सैमसमय बीत चूका हैं, इससे घटना के समय की भी पुष्टि की जा सकती है!
* नील के स्थान, आकर से ज्ञात किया जा सकता है की वह हत्या या आत्महत्या के प्रयास के दौरान उत्पन्न हुआ है अथवाया उसकिसी दुर्घटना के फलस्वरूप हुआ है, उसका भी हमें पता लगतेलगता है!है।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/कुचलन" से प्राप्त