"अहल अल-हदीस": अवतरणों में अंतर
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'''अहले हदीस''' ([[
== अभिप्राय ==
अहले हदीस दो शब्दों के मिश्रण से बना शब्द है- अहल और
== मान्यताएँ ==
अहले हदीस क़ुरान और सुन्नत को ही धर्म और उसके कानून को समझने का स्रोत मानती हैं
== शाखाएं ==
अहले हदीस का तरीक़ा अस्ल में एक फ़िक्ही और इज्तिहादी तरीक़ा था। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो [[अहले सुन्नत वल जमात]] के धर्म की समझ रखने वाले अपने तौर तरीक़े की वजह से दो गीरोह में बटे हैं।
=== अस्हाबे
अस्हाबे
इस समूह के संस्थापक अबू हनीफा (देहान्त 150 हिजरी) हैं।
=== अस्हाबे हदीस ===
दूसरे समूह अहले हदीस या अस्हाबे हदीस का केंद्र हिजाज़ था। यह लोग सिर्फ क़ुरआन और हदीस के ज़ाहिर (प्रत्यक्ष) पर भरोसा करते थे और पूरी तरह से अक़्ल का इंकार करते थे। इस
अहले हदीस पंथ के मानने वाले तक़लीद नहीं कही करते, वो मानते हैं कि क़ुरान और सुन्नत से ही सारे मसले और धर्म के कानून को समझा जा सकता हैं और इसके लिए किसी एक इमाम की तक़लीद की ज़रूरत नहीं है।
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