"सदस्य:Ravitez111/काली खांसी": अवतरणों में अंतर

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<ref><ref>http://conditions.health.qld.gov.au/HealthCondition/condition/14/33/150/Whooping-Cough-Pertussis</ref></ref>[[चित्र:Whooping Cough.jpg|अंगूठाकार|काली खांसी - संकेत और लक्षण - रोग का कारण]]
एक बेहद संक्रामक रोग है। इसे १०० दिन की खांसी भी कहते है। प्रारंभ में, लक्षण आमतौर पर नाक का बहना, बुखार, और मामूली खांसी के साथ आम सर्दी के समान ही होती हैं। फिर एक सप्ताह के बाद गंभीर खाँसी होने लगती है। इसके बाद एक अनिमेष ललकार ध्वनि या हांफी उत्पन्न हो सकती है के रूप में व्यक्ति में साँस लेता है। इसे व्हूपिंग ध्वनि कहते है। खाँसी 10 या उससे अधिक सप्ताह रेह सकती है। संक्रमण और लक्षणों की शुरुआत के बीच के समय आम तौर पर सात से दस दिनों का है। टीका लगाये गये लोगों मे भी यह संक्रमित हो सकता है। जीवाणु Bordetella pertussis काली खांसी के कारण होता है। यह एक हवाई बीमारी है जो खांसी के माध्यम से और संक्रमित व्यक्ति की छींक से आसानी से फैलता है। निदान नाक और गले के पीछे से एक नमूना एकत्रित करके किया जाता है। एंटीबायोटिक दवाओं के साथ इलाज किये गये लोग पाँच दिनों के बाद से संक्रामक नही हैं। इस्तेमाल एंटीबायोटिक दवाओं इरिथ्रोमाइसिन, azithromycin, clarithromycin, या trimethoprim / sulfamethoxazole शामिल हैं। कई बच्चे जिनकी उम्र एक साल से भी कम होती है उन्हे अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता होती है।एक अनुमान के अनुसार 16 लाख लोगों को दुनिया भर में प्रति वर्ष संक्रमित होते हैं। जो जीवाणु संक्रमण का कारण बनता है उसकी खोज 1906 में हुई एव्ं काली खांसी का टीका 1940 तक उपलब्ध हो गया।