"मांसाहारी पादप": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Nbenstonei.jpg|right|thumb|300px|'नेपेंथीज' नामक घटपर्णी पौधा]]
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कीटाहारी जंतुओं की भाँति कुछ पौधे भी कीटाहारी होते हैं। उन्हें '''मांसाहारी पादप''' (Carnivorous plant) कहते हैं। कीटाहारी पौधों की कुल ४०० जातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से प्राय: ३० जातियाँ [[भारत]] में पाई जाती हैं। ये पौधे ऐसे स्थानों पर पनपते हैं जहाँ नाइट्रेट का अभाव रहता हैं, अथवा वे जमीन के नाइट्रोजन को उपयोग में लाने में असमर्थ होते हैं। जीवन के लिए प्रोटीन, अत्यंत आवश्यक है और इसे प्राप्त करने के लिए पौधों को नाइट्रोजन मिलना चाहिए। [[नाइट्रोजन]] के लिए ये पौधे निकट आनेवाले कीड़ों का भक्षण करते हैं। ऐसे कुछ पौधे निम्नलिखित है :
 
== मक्खाजाली (Drosera) ==
[[चित्र:Drosera montana-habito-reduzido.jpg|right|thumb|200px|Drosera montana-habito-reduzido]]
यह पौधा तालाबों के किनारे पाया जाता है। इस पौधे में गोलाई में लगी करीब २५ पत्तियाँ होती है। प्रत्येक पत्ते पर करीब २०० छोटे छोटे संवेदक बाल होते हैं, जिनकी चोटी पर एक चमकीला पदार्थ स्त्रावित होता है और कीड़ों को आकर्षित करता हैं। कीड़ा इसे मधु समझकर जैसे ही पत्ते पर बैठता है, संवेदक बाल चौकन्ने हो जाते हैं और मुड़कर कीड़े को पकड़ना शुरू करते तथा पत्ते के निचले भाग में उसे खींचकर ले जाते हैं। अब पत्ते से एक पाचक रस निकलता है जो कीड़े के मांस को घुला देता हैं। इसे फिर पौधे चूस लेते हैं।
 
स्वादिष्ट कीड़े मिलने पर यह पौधा आवश्यकता से अधिक खा लेता है और तब बीमार पड़ जा सकता है। ऐसी हालत में कुछ समय के लिये यह खाना बंद कर देता है।
 
== ब्लैडरवटर् (Bladderwort) ==
यह बारीक पत्तोंवाला जड़तरहित पौधा है, जो तालाबों में तैरता हुआ पाया जाता है। इसकी कुछ पत्तियाँ फूलकर थैली या ब्लैडर के आकार की हो जाती हैं। प्रत्येक थैली के मुँह के पास एक द्वार रहता है जो केवल अंदर की ओर खुलता है। ब्लैडर के मुँह पर तीन संवेदक बाल रहते हैं। पानी में तैरता हुआ कीड़ा इन बालों के स्पर्श में आते ही ब्लैडर के अंदर ढकेल दिया जाता है। द्वार बंद हो जाता है और ब्लैडर के अंदर कैद किया गया कीड़ा मर जाता हैं। पाचक द्रव द्वारा अब इस कीड़े के मांस का शोषण होता है। ब्लैडर की दीवारो पर लगे हुए कई छोटे छोटे बाल रहते हैं, जो ब्लैडर के पानी को बाहर निकाल देते हैं और द्वार फिर से खुल जाता है।
 
== सुंदरी का पिंजड़ा (Venus s flytrap) ==
यह पौधा अमरीका में पाया जाता है। इस पौधे के पत्ते का ऊपरी भाग दो पल्लवों (Flaps) के आकार का होता है और बीच में एंजिसवाले भाग पर छह संवेदक बाल रहते हैं। मधु की तलाश में भटकता हुआ कीड़ा जैसे ही इन बालों को स्पर्श करता है, दोनों पल्लव कसकर बंद हो जाते हैं और कीड़ा इस सुंदर पिंजड़े में बंद हो जाता है। ग्रंथियों से निकला पाचक रस इस कीड़े को सोख लेता हैं। कीड़ा खत्म होने पर पिंजड़ा आप ही आप खुल जाता है।
 
डार्विन के मतानुसार यह संसार का सबसे अधिक आश्चर्यजनक पौधा है। पेंसिल की नोक अथवा उँगली द्वारा स्पर्श करने पर यह पिंजड़ा बंद नहीं होता, किंतु कीड़ा बैठते ही वह कसकर बंद हो जाता है।
 
== घटपर्णी पौधे (Pitcher plants) ==
{{मुख्य|घटपर्णी}}
 
इन पौधों के पत्ते पूर्ण रूप से या उनका कुछ भाग सुराही के आकार का होता है, जिसकी लंबाई एक इंच से एक फुट तक देखी गई है। भारत में दो प्रकार के सुराहीवाले पौधे पाए जाते हैं :
 
=== सरसैनिया (Sarsainiya) ===
इसमें पूर्ण पत्ता सुराही में परिणत हो जाता है और उसमें पानी भरा रहता है। सुराही के ऊपरी भाग पर नीचे की ओर मुड़े हुए कई बाल रहते हैं। मधु के लालच में कीड़ा सुराही पर आकर बैठ जाता है और सुराही में फिसल जाता है। बाहर निकलने का प्रयत्न करने पर सुराही के मुँह पर लगे हुए बाल उसे फिर से अंदर ढकेल देते हैं। सुराही के पानी में डूबकर कीड़ा मर जाता है और पाचक रस द्वारा उसका शोषण होता हैं। दूर से दिखनेवाली मधु की सुराही वास्तव में कीड़े के लिए मौत की सुराही रहती है।
 
=== नेपेंथीस (Nepenthes) ===
[[चित्र:Nepenthes cincta.jpg|right|thumb|200px|Nepenthes cincta]]
इस पौधे में पत्ते का ऊपरी हिस्सा सुराही के आकार का होता है और इसके मुँह पर ढक्कन रहता है। सुराही की परिधि से एक तरल पदार्थ निकलता रहता है जो कीड़ों को आकर्षित करता है। बैठते ही कीड़ा अंदर फिसल जाता है और वहाँ मर जाता है। सुराही के अंदर के बैक्टीरिया उसे सड़ाते हैं और तब वह पौधों द्वारा शोषित हो जाता है।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
*[http://unn-hp.org/www/unnhome.html मांस खाने वाले पौधे]
* {{cite book | author=Slack A | title=Insect-eating plants and how to grow them | publisher=Alphabooks | location=Sherborne UK | year=1986 | isbn= ISBN 0-906670-42-X }}
* {{cite book | author=Juniper BE, Robins RJ, Joel DM | title=The carnivorous plants | publisher=Academic Press, San Diego | year=1989 }}
* [http://www.omnisterra.com/bot/cp_home.cgi Carnivorous Plant Database] provides an up-to-date, searchable database of all the published species of carnivorous plants.
* [http://www.sarracenia.com/faq.html Carnivorous Plant FAQ] at Sarracenia.com
* [http://www.sarracenia.com/faq/faq1395.html List of films and TV shows that feature carnivorous plants-most of them fictional]
* [http://www.botany.org/carnivorous_plants/ Botanical Society of America - Carnivorous Plants Online]
* Ellison, A.M. 2006. {{PDFlink|[http://harvardforest.fas.harvard.edu/publications/pdfs/ellison_PlantBio_2006.pdf Nutrient Limitation and Stoichiometry of Carnivorous Plants.]|334&nbsp;[[Kibibyte|KiB]]<!-- application/pdf, 342725 bytes -->}} ''Plant Biol.'' '''8''': 740–747.
 
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