"सदस्य:Abeytom/गैलिलियो का झुकी मीनार प्रयोग": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Justus Sustermans - Portrait of Galileo Galilei, 1636.jpg|अंगूठाकार|गेलिलियो गेलिलि]]
 
==गैलिलियो==
गैलिलियो <ref>http://www.biography.com/people/galileo-9305220</ref> (१५ फरवरी १५६४- ८ जनवरी १६४२) सत्रहवीं सदी के एक इतालवी खगोलशास्त्री,भौतिक विज्ञानी,इंजीनियर,दार्शनिक,और गणितज्ञ थे। उनको ''विज्ञान का पिता''' बुलाया जाता था। उन्होंने विज्ञान के क्शेत्र मे अनेक योगदान दिये है।उनके उपलब्धीयों में से एक महत्वपूर्ण उपलब्धी है झुकी मीनार का प्रयोग जिसमें वो कामियाब रहे।
 
 
यह प्रयोग डेलफट में १६ वी शताब्दी में निदरलेन्ड्स में किया गया था। जॉन कोरनेट्स डी ग्रूट (हुगो कोरनेटस डी ग्रूट के पिता) ने ये प्रयोग [https://en.wikipedia.org/wiki/Nieuwe_Kerk_(Delft) निउवे केर्क] के ऊपर से संचालित किया। गणितज्ञ और भौतिकशास्त्री साइमन स्टीविन के पुस्तक में इस प्रयोग का वर्णन किया गया है। जिसका प्रकाशन १५८६ में हुआ था जो साइमन स्टीविन की पुस्तकें मील का पत्थर साबित हुई। सन १५८९ में गैलिलियो गेलिली ने असमान भार वाले दो गोलों को '''पीसा की झुकी हुई मीनार''' से गिराया। वह यह सिध्द करना चाहते थे की दोनों का नीचे गिरने का समय उनके भार पर निर्भर नहीं करता। ऐसा गेलिलीयो के एक शिष्य द्वारा लिखी गेलिलीयो की आत्मकथा में बताया गया है। इस तरीके से उनको पता चला की वस्तुएं अभिन्न त्वरण से गिरी, जिससे साबित हुआ कि उनकि भविष्यवाणी सत्य है,जबकि उस समय ही उन्होंने [[अरस्तु|'''अरस्तु''']] का गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत को असत्य सिद्ध हो गया। यह प्रयोग
 
[[चित्र:The Leaning Tower of Pisa SB.jpeg|अंगूठाकार|पीसा की झूकी मीनार]]
 
==प्रयोग की प्रक्रिया==