"अंतिम गति": अवतरणों में अंतर
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जैसे ही वस्तु कि गति पद्धति जाती है, तो जिस के माध्यम से वह वस्तु गुजर रही है (पानी और हवा इत्यादि) वह उस पर उल्टा बल भी लगता है। जिस बल के चलते उस वस्तु कि गति पर फर्क पड़ता है। और अन्तः एक समय ऐसा अत है जब उस वस्तु कि गति न तो बढती है न ही घटती है। ऐसी स्तिथि में उस वस्तु कों खींचने वाला बल पृथ्वी के गुरुत्वकर्ष्ण बल के बराबर हो जाता है।
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