"अयन गति": अवतरणों में अंतर
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'''अयन गति''' या '''अयन चलन''' किसी [[घूर्णन]] (रोटेशन) करती [[खगोलीय वस्तु]] में [[गुरुत्वाकर्षण|गुरुत्वाकर्षक प्रभावों]] से [[घूर्णन अक्ष|अक्ष]] (ऐक्सिस) की ढलान में धीरे-धीरे होने वाले बदलाव को कहा जाता है।
अगर किसी लट्टू को चलने के बाद उसकी डंडी को हल्का सा हिला दिया जाए तो घूर्णन करने के साथ-साथ थोड़ा सा झूमने भी लगता है। इस झूमने से उसकी डंडी (जो उसका अक्ष होता है) तेज़ी से घुमते हुए लट्टू के ऊपर दो कोण-जैसा अकार बनाने का भ्रम पैदा कर देती है। लट्टू कभी एक तरफ़ रुझान करके घूमता है और फिर दूसरी तरफ़। उसी तरह पृथ्वी भी सूरज के इर्द-गिर्द अपनी [[कक्षा (भौतिकी)|कक्षा]] (
== अन्य भाषाओँ में ==
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