"समास": अवतरणों में अंतर

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== बहुव्रीहि समास ==
जिस समास के दोनों पदपाद अप्रधान हों और समस्तपद के अर्थ के अतिरिक्त कोई सांकेतिक अर्थ प्रधान हो उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं। जैसे -
 
{| border=1 cellspacing=0१०0 cellpadding=1
! style="background:#efefef;" align="center" | समस्त पद
! style="background:#efefef;" align="center" | समास-विग्रह
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=== कर्मधारय और बहुव्रीहि समास में अंतर ===
कर्मधारय में समस्त-पदपाद का एक पदपाद दूसरे का विशेषण होता है। इसमें शब्दार्थ प्रधान होता है। जैसे - नीलकंठ = नीला कंठ। बहुव्रीहि में समस्त पदपाद के दोनों पदोंपादों में विशेषण-विशेष्य का संबंध नहीं होता अपितु वह समस्त पदपाद ही किसी अन्य संज्ञादि का विशेषण होता है। इसके साथ ही शब्दार्थ गौण होता है और कोई भिन्नार्थ ही प्रधान हो जाता है। जैसे - नील+कंठ = नीला है कंठ जिसका अर्थात [[शिव]]।.
 
== संधि और समास में अंतर ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/समास" से प्राप्त