"वीराना (1988 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर

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उधर वापिस गाँव पर, यास्मीन सिटी पेट्रोल के एक नौजवान मैकेनिक (विजय अरोरा) से मिलती है जो एक कुशल कार मिस्त्री है और कार की मरम्मत बड़ी दक्षता से करता है। वह उससे बेहद प्रभावित होती है और पुरानी हवेली की पीछे झील किनारे देर रात पिकनिक मनाने का न्यौता देती है। जब वह शख्स वहां पहुँचता है, वह उसकी खिदमत करती है और दोनों साथ में जाम पीते हैं और खाना खाते हैं। इस बढ़ी हुई खुमारी के साथ, वह शख्स अब यास्मीन को पाने बेचैन होता है और इसी आतुरता वह दोनों उस रात हमबिस्तर होते हैं। (यहां यास्मीन के उभरे हुए नितंबों के दर्शाए जाने कारण फ़िल्म को 'ए' (वयस्क) प्रमाणन पत्र मिलता है।) आधी रात के कुछ वक्त बाद, उस शख्स की चेतना लौटती है और जाग जाता है। वह यास्मीन की रंगहीन हो चुकी आँखें देख सिहर उठता है और पाता है कि उसकी पलके भी झपक नहीं रही। वह भागने की कोशिश करता है लेकिन वह दुबारा बिस्तर पर गिर पड़ता है। तब लड़की में बसी डायन के नियंत्रण में, अपने चाँदी की कटार लेकर उस आदमी को जिबह कर मार डालती है। यास्मीन मुँह अंधेरे ही जल्दबाजी में घर लौटती है। उस शख्स की लाश पुलिस को अगली सुबह बरामद होती है और पर उसकी शिनाख्त नहीं हो पाती, और इसकी तहकीक़ात भी रोक दी जाती है। उधर इस सफर में हेमंत और साहिला करीब आते हैं और दोनों साथ ही हवेली पहुँचते हैं। ठाकुर महेंद्र प्रताप को साहिला के घर आने पर बेहद खुशी महसूस होती है और जब उनको मालूम होता है उसकी मुसीबत में हेमंत उसे बचाने पहुँचा था, आकर्षक और बहादुर युवक की इस प्रशंसा से वो भी प्रभावित हुए बिना रह नहीं पाते और उसे अपने लकड़ी के कारखाने पर एक महत्वपूर्ण पद पर काम दिलाते हैं। वह हेमंत को अपने बेटे समान ही पारिवारिक सदस्यों का हिस्सा बना लेते हैं।<ref>[http://www.imdb.com/title/tt0260494/plotsummary IMDb]</ref>
 
बावजूद, रहस्यमय हत्याओं का सिलसिला जारी रहता है। ऐसे ही एक शाम, यास्मीन एक नशे में धुत व्यक्ति से कार की लिफ्ट मांगती है और तब, कुछ फासले पर, डायन की आत्मा उस व्यक्ति की गर्दन फाड़ कर मार डालती है। एक रात, साहिला अपनी दीदी यास्मीन से उनके पुराने कमरे में साथ सोने की इच्छा जताती है और जल्द ही उसे मालूम पड़ता है कि वहां कुछ अजीब हो रहा है, वह अपनी दीदी से भयभीत होती है और अपने अंकल महेन्द्र प्रताप और हेमंत से इसका जिक्र करती है। ठाकुर महेंद्र प्रताप तय करते हैं कि वह अपनी बेटी यास्मीन के, मानसिक मूल्यांकन के लिए अपने दोस्त से मिलेंगे जो स्वयं एक मनोवैज्ञानिक है। डाॅक्टर अपनी सम्मोहन विद्या से, यास्मीन के अतीत में घटित घटनाओं का ब्योरा लेते हैं और वो तब वह बिलकुल अलग ही शख्सियत में बदल जाती है। उसकी बोली बदल जाती है और धमकी भरे लहजे में कहती है कि वह ठाकुर खानदान के हरेक सदस्य को मारकर अपना बदला लेकर रहेगी। ठाकुर महेंद्र प्रताप शुरुआत में डाॅक्टर की बातों पर यकीन नहीं करते, लेकिन डाॅक्टर द्वारा रिकॉर्ड किए गए रिकॉर्डर टेप सुनने पर उनको विश्वास हो जाता है, कि उनकी बेटी पर उस दुष्टात्मा का साया पड़ चुका है। बावजूद, ठाकुर के खानदान से पुराने संबंध और गहरी दोस्ती के नाते, डाॅक्टर उनसे वायदा करता है कि वह जरूर ठहरेगा और उनकी बच्ची का ईलाज करके रहेगा। वहीं डाॅक्टर पहले तो साहिला के दोस्त हेमन्त से यास्मीन के करीब आने की नाटक रचने को कहते है ताकि सच्चाई पर रोशनी डाली जा सके मगर यह प्रयास भी व्यर्थ चला जाता है। तथापि, एक रात, उनको यास्मीन के कमरे से अजीबो गरीब साए और धुएँ आते दिखते है, डाॅक्टर उस तरफ चल पड़ता है और उनको उस डायन का निहायत ही खौफनाक सूरत देखने मिलता है। वह ठाकुर साहब से इस बारे में आगाह करते है मगर वो ही उनकी बातों पर भरोसे से इंकार करते हैं। डाॅक्टर तब अपनी जान बचाने वास्ते उनके घर से भाग निकलते हैं, मगर उसी राह में घर का खानसामा रघु ([[गुल्शन ग्रोवर]]) <ref>[http://www.imdb.com/name/nm0004109/ IMDb]</ref> भी उसका मजाक उड़ाता करता है जब हवेली छोड़ रहा था। इस हड़बड़ाहट में, डाॅक्टर रघु को भी परे हटाते हुए हवेली से निकल जाता है जहाँ बालकनी पर मौजूद यास्मीन के चेहरे पर बहुत अजीब ढंग से विजयी मुस्कान चमकती है।
 
वहीं डाॅक्टर गाँव के रास्ते अपनी कार को खतरनाक ढंग से भगाता है, इस जल्दबाजी के उलझन में, वह एक पेड़ से टकराता है और खुद को उस जंगल में अकेला पाता है। वह डायन, जो वहां लेटी उसके पहुँचने के इंतजार कर रही थी, अचानक ही काले साए की तरह प्रकट होती है और डाॅक्टर भी होश में आने उसे देखकर भय से आँखें फट पड़ती है, फिर उसके शरीर को बेधते हुए बड़ी क्रुरता से मार डालती है।
== चरित्र ==
 
उधर वह नौकर रघु, भी अगला शिकार होता है। जब वह डायन से खौफजदा होकर हवेली जाने के बजाय कारखाने में रात बिताने का मन बनाता है और उसी रात उसकी मौत होती है।== चरित्र ==
== मुख्य कलाकार ==
* [[हेमंत बिर्जे]]