"पुराना मन्दिर (1984 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर

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'''पुराना मंदिर''' ([[अंग्रेजी]] उच्चारण; Purana Mandir) वर्ष 1984 की हिंदी भाषा में बनी एक हाॅर्रर फ़िल्म है, जिसका निर्माण एवं निर्देशन रामसे बंधुओं द्वारा किया गया है। इस हाॅर्रर फ़िल्म की कहानी में सामरी, नामक शैतान राक्षस को वर्णित किया गया है। फ़िल्म का संगीत अजीत सिंह ने सजाया है।
===सारांश==
फ़िल्म का पर्दार्पण 200 वर्ष पूर्व, राजा हरमन सिंह के सल्तनत बीजापुर से होती होती है, जिसके निकट एक काली पहाड़ी स्थित है। राजा अपनी प्रिय बेटी राजकुमारी रुपाली के गायब होने से परेशान है जहाँ पर शैतान-पुजारी सामरी (अनिरुद्ध अग्रवाल) का निवास-स्थान है। जहाँ राजकुमारी पुराने किले के रास्ते भटक जाती है और दुष्ट सामरी उसे अगवा कर, यातनाएं देता है। अपने शिकार के लिए विशेष तौर पर पहचान के लिए वह पीड़ित को जाहिर है अपनी आँखों के जरिए बेबस करता है, जहाँ उसकी सामान्य आँखें शैतानी मुद्रा में आकर सफेद पड़ जाती है। और इस प्रक्रिया दौरान, सामरी की आँखें सुर्ख लहु सा लाल हो जाता था। राजा हरमनसिंह इस दहशत को खत्म करने सामरी का पकड़ने का निर्णय करते हैं और सिपाहियों से उसकी धर-पकड़ का हुक्म देते हैं।
सामरी को पेशी पर बिठाया जाता है, जहाँ क्रुर अपराधो की फेहरिस्त पढ़ी जाती है। उसने ऐसे कई वीभत्स और जघन्य कुकर्मों को अंजाम दिया ताकि उसका महादुष्ट गुरु शैतान को खुश हो तथा अपनी शक्तियों का विस्तार कर सके। उसने नई ब्याही दुल्हनों का बलात्कार किया और उनकी अंतड़ियों को चीर डाला; मासूम नौनिहालों व बच्चों को अपाहिज किया और उसका मांस भक्षण किया; उसके साथ ही — उसके अब तक के सबसे अचंभित कर देने आरोपों में से एक जो पढ़ा गया — वो था मुर्दा जिस्मों को खोदकर उनकी बलि चढ़ाना और भक्षण करना; और बीजापुर के आस-पास बसे बस्तियों अपने खौफ से शैतान का राज फैलाया। इसी के साथ राजपुरोहित अपराधी सामरी को पवित्र अग्नि में दाह-संस्कार कराने का सुझाव देते है, मगर राजा का प्रायोजन कुछ और ही रहता है — कि सामरी का सिर धड़ से काट दिया जाए, जहाँ उसके सिरविहीन धड़ को काली घाट के पुराने मंदिर पीछे दफनाया जाए और सिर को मजबूत-संदूक में बंदकर राजा की हवेली में रखा जाए। उस संदूक को कड़े जंजीरों से बाँधने साथ राजपुरोहित की सलाह पर भगवान शिव का त्रिशूल भी रख दिया जाता है ताकि शैतान इसी तरह जकड़ा रह जाए। हालाँकि मरने से पूर्व सामरी अंत में राजा को श्राप देते हुए कहता है: "जितनी देर तक मेरा सिर मेरे धड़ से अलग रहेग, तुम्हारे हर बच्चे को जनने वाली औरत जिंदा नहीं रहेगी; और जब मेरा सर मेरे शरीर से जुड़ेगा, मैं फिर जीवित हो उठुंगा और तुम्हारे कुटुंबो के हरेक शख्स का सफाया कर दूँगा !"
 
इस तरह सालों गुजरते है, राजसी राज्यों को भारतीय गणराज्यों के साथ विलय किया जाता है, और राजा हरिमन सिंह परपोते, ठाकुर रणवीर सिंह (वरिष्ठ अभिनेता प्रदीप कुमार, जिन्हें शाही अदायगी के लिए जाना जाता है),
 
== मुख्य कलाकार ==
* [[मोहनीश बहल]] - संजय