"किंग लीयर (शेक्सपीयर कृत)": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:William Dyce - King Lear and the Fool in the Storm.jpg|right|thumb|300px|तूफान में किंग लियर और मूर्ख]]
'''किंग लियर''' (King Lear), [[इंगलैंड]] के प्राचीन इतिहास से संबंधित [[शेक्स्पियर]] का एक [[दु:खांत नाटक]] (ट्रेजेडी) है। इसका प्रथम अभिनय सन् १६०६ ई. तथा प्रथम प्रकाशन सन् १६०८ ई. में हुआ। इस कृति में दैवी और आसुरी प्रवृत्तियों का घोर संघर्ष व्यक्त किया गया है। इस [[नाटक]] से करुणा और भय की तीव्र अनुभूति होती है। काव्यात्मक प्रभाव के लिए यह अनुपम है।
 
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राज्य का अंश न मिलने पर कारडीलिया फ्रांस के राजा के साथ देश से बाहर चली गई। लियर अपने साथियों सहित क्रमश: गोनेरिल और रीगन के पास रहने के लिए गया, किन्तु दोनों ने अपने वृद्ध पिता के प्रति अत्यंत कठोर और स्वार्थपूर्ण व्यवहार किया। फलत: लियर तीव्र मानसिक आवेग की अवस्था में आंधी और वर्षा का प्रकोप झेलते हुए व्यग्र होकर इधर-उधर भटकने लगा और अंत में विक्षिप्त हो गया। इन सभी अवस्थाओं में उसके स्नेही अनुचर अर्ल ऑव केंट और उनके [[विदूषक|विदूषक]] उसको निरंतर सांत्वना और सहायता प्रदान करते रहे।
 
अर्ल ऑव ग्लस्टर के निवासस्थान पर रीगन और ड्यूक ऑव कार्नवाल के किंग लियर की भेंट हुई। ग्लस्टर अत्यंत सहृदय था। उसने लियर के प्रति पुत्रियों द्धारा किए गए दुर्व्यवहार की भर्त्सना की। इससे अप्रसन्न होकर कार्नवाल ने उसकी दोनों आँखें निकलवा लीं। नेत्रहीन ग्लस्टर की सहायता उनके पुत्र एडगर ने की। अपने पिता को लेकर वह छद्म वेष में विभिन्न स्थानों पर घूमता रहा। ग्लस्टर के जारज पुत्र एडमंड ने जो स्वभाव से ही नीच एवं कुचक्री था, अपने पिता के मन में सरल एवं उदार एडगर के प्रति गंभीर संदेह उत्पन्न कर दिया। गोनेरिल और रीगन दोनों को एडमंड को प्यार करती थीं; इसी कारण अंत में दोनों की मत्यु भी हुई। गोनेरिल ने ईर्ष्यावश रीगन को [[विष]]पान कराया और स्वयं [[आत्महत्या]] कर ली। नेत्रहीन ग्लस्टर और विक्षिप्त लियर इधर-उधर भटकते रहे।
 
इसी बीच कारडीलिया फ्रांसीसी सेना के साथ अपने पिता की सहायता के लिए इंग्लैंड आई। कारडीलिया और लियर का मिलन हुआ। चिकित्सा और पुत्री की स्नेहपूर्ण परिचर्या के फलस्वरूप लियर का मानसिक संतुलन कुछ ठीक हुआ। किंतु दुर्भाग्यवश युद्ध में फ्रांसीसी सेना पराजित हुई और एडमंड ने लियर और कारडीलिया को कारावास में डाल दिया। कारडीलिया को फांसी दे दी गई और दु:ख के कारण लियर की मृत्यु हो गई। एडगर और एडमंड के द्वंद्व में एडमंड की भी मृत्यु हुई और अंत में राज्य पर ड्यूक ऑव एलबेनी का अधिकार हुआ जिसने सज्जन होने के कारण अपनी पत्नी गोनेरिल के दुष्कृत्यों का कभी समर्थन नहीं किया था।