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'''गढ़ मुक्तेश्वर,''', [[शिवपुराणभारत]] के अनुसार, अभिशप्त शिवगणों की पिशाच योनि से मुक्ति हुई थी, इसलिए इस तीर्थ का नाम 'गढ़ मुक्तीश्वर' अर्थात् गण मुक्तीश्वर (गणों की मुक्ति करने वाले ईश्वर) नाम से प्रसिद्ध हुआ। '''गढ़ मुक्तेश्वर''' भारत के [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के [[हापुड़]] जिले का शहर एवं तहसील मुख्यालय है। इसे गढ़वाल राजाओं ने बसाया था। [[गंगा नदी]] के किनारे बसा यह शहर गढ़वाल राजाओं की राजधानी था; बाद में इसपर [[पृथ्वीराज चौहान]] का अधिकार हो गया।
 
'गढ़ मुक्तेश्वर' [[राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली]] से १०० किलोमीटर दूर 'राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 24' पर बसा है। गढ़ मुक्तेश्वर [[मेरठ]] से 42 किलोमीटर दूर स्थित है और [[गंगा नदी]] के दाहिने किनारे पर बसा है। विकास की दृष्टि से गढ़ मुक्तेश्वर सबसे पिछड़ी तहसील मानी जाती है, किन्तु सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। यहाँ [[कार्तिक पूर्णिमा]] के अवसर पर लगने वाला '''गंगा स्नान पर्व''' उत्तर भारत का सबसे बड़ा मेला माना जाता है।
 
[[शिवपुराण]] के अनुसार, यहाँ पर अभिशप्त [[गण|शिवगणों]] की [[पिशाच]] योनि से मुक्ति हुई थी, इसलिए इस तीर्थ का नाम 'गढ़ मुक्तेश्वर' अर्थात् 'गण मुक्तेश्वर (गणों को मुक्त करने वाले ईश्वर) नाम से प्रसिद्ध हुआ।
 
== पौराणिक महत्त्व ==
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== व्यापार ==
 
यह गंगा के जल मार्ग से व्यापार का मुख्य केन्द्र था। उन दिनों यहाँ इमारती लकड़ी, बाँस आदि का व्यापार होता था, जिसका आयात दून और गढ़वाल से किया जाता था। इसके साथ ही यहाँ गुड़ - गल्ले की बड़ी मंडी थी। यहाँ का मूढा़ (मूढ़ा— बाँस के कमची और मूज के सुतली से बना बैठने का गोलनुमा मचिया होता है) उद्योग भी अति प्राचीन है। यहाँ के बने मूढे़ कई देशों में निर्यात किये जाते हैं।
 
== कैसे पहुँचे ==
 
=== सड़क मार्ग से ===
दिल्ली से यहाँ की दूरी लगभग 85 किलोमीटर है। उत्तर प्रदेश रोडवेज की नियमित बसें आनन्द विहार, बस अड्डा, दिल्ली से चलती हैं।