"लिंग": अवतरणों में अंतर

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=== हार्मोन सिद्धांत ===
प्राणियों के शरीर में कुछ ऐसी ग्रंथियाँ होती हैं जिन्हें वाहिनीहीन या अंत:स्रावी (Ductless, या Endocrine) कहा जाता है। कुछ विकसित विशेषकर कशेरुकी जंतुओं में इन ग्रंथियों के स्रावों का, जिन्हें हॉर्मोन कहते हैं, अध्ययन किया गया है। वनस्पतियों में भी हॉर्मोन होते हैं या नहीं, यह विवादग्रस्त विषय है। जंतुओं के शरीर में पाई जानेवाली ग्रंथियों के नाम हैं : पीयूष (Pituitary, या Hypophysio), पीनियल (Pineal), अवटुग्रंथि (Thyroid), पैराथाइरॉइड (Parathyroid), थाइमस (Thymus), पैक्रिअस या अग्न्याशय (Pancreas), वृक्क (Adrenal); जननग्रंथि (Gonads), नर में वृषण (Testis) तथा मादा में अंडाशय (Ovary)। इन ग्रंथियों से निकलने वाले हॉर्मोनों का अध्ययन विस्तार से किया गया है और यह पाया गया है कि नर प्राणी में पुरुषत्व (maleness) और मादा में स्त्रीत्व (femaleness) संबंधित गौण लैंगिक लक्षणों का अस्तित्व इन्हीं की क्रिया पर निर्भर करता है। जीन और क्रोमोसोम केवल यह निश्चित करते हैं कि युग्मनज नर होगा या मादा। वास्तविक पुरुषत्व और स्त्रीत्व का निर्धारण तथा उचित दिशा में उनका विकास वाहिनीहीन ग्रंथियों के स्रावों की सहायता से ही होता है। जैसे, कोई भ्रूण पुरुष के रूप में जन्म लेने वाला हो तो स्त्री हॉर्मोनों की सूई लगाकर अथवा उसे बधिया कर देने (castration) और उसके स्थान पर अंडाशय ग्रंथियों को आरोपित कर देने पर वह या तो पूर्णरूपेण स्त्री हो जाएगा, या उसमें स्त्रीत्व के लक्षण विकसित हा जाएँगे।
 
==== प्राणियों के शरीर में कुछ ऐसी ग्रंथियाँ होती हैं जिन्हें वाहिनीहीन या अंत:स्रावी (Ductless, या Endocrine) कहा जाता है। कुछ विकसित विशेषकर कशेरुकी जंतुओं में इन ग्रंथियों के स्रावों का, जिन्हें हॉर्मोन कहते हैं, अध्ययन किया गया है। वनस्पतियों में भी हॉर्मोन होते हैं या नहीं, यह विवादग्रस्त विषय है। जंतुओं के शरीर में पाई जानेवाली ग्रंथियों के नाम हैं : पीयूष (Pituitary, या Hypophysio), पीनियल (Pineal), अवटुग्रंथि (Thyroid), पैराथाइरॉइड (Parathyroid), थाइमस (Thymus), पैक्रिअस या अग्न्याशय (Pancreas), वृक्क (Adrenal); जननग्रंथि (Gonads), नर में वृषण (Testis) तथा मादा में अंडाशय (Ovary)। इन ग्रंथियों से निकलने वाले हॉर्मोनों का अध्ययन विस्तार से किया गया है और यह पाया गया है कि नर प्राणी में पुरुषत्व (maleness) और मादा में स्त्रीत्व (femaleness) संबंधित गौण लैंगिक लक्षणों का अस्तित्व इन्हीं की क्रिया पर निर्भर करता है। जीन और क्रोमोसोम केवल यह निश्चित करते हैं कि युग्मनज नर होगा या मादा। वास्तविक पुरुषत्व और स्त्रीत्व का निर्धारण तथा उचित दिशा में उनका विकास वाहिनीहीन ग्रंथियों के स्रावों की सहायता से ही होता है। जैसे, कोई भ्रूण पुरुष के रूप में जन्म लेने वाला हो तो स्त्री हॉर्मोनों की सूई लगाकर अथवा उसे बधिया कर देने (castration) और उसके स्थान पर अंडाशय ग्रंथियों को आरोपित कर देने पर वह या तो पूर्णरूपेण स्त्री हो जाएगा, या उसमें स्त्रीत्व के लक्षण विकसित हा जाएँगे। ====
;कुछ प्राणियों के नर तथा मादा क्रोमोसोमों की सारणी
नाम -- नर—मादा
"https://hi.wikipedia.org/wiki/लिंग" से प्राप्त