"फ़ासीवाद": अवतरणों में अंतर

No edit summary
No edit summary
पंक्ति 1:
'''फासीवाद''' या फ़ासिस्टवाद (फ़ासिज़्म) [[इटली]] में [[बेनितो मुसोलिनी]] द्वारा संगठित "फ़ासिओ डि कंबैटिमेंटो" का राजनीतिक आंदोलन था जो मार्च, 1919 में प्रारंभ हुआ। इसकी प्रेरणा और नाम सिसिली के 19वीं शती के क्रांतिकारियों-"फासेज़"-से ग्रहण किए गए। मूल रूप में यह आंदोलन [[समाजवाद]] या [[साम्यवाद]] के विरुद्ध नहीं, अपितु [[उदारतावाद]] के विरुद्ध था।

==उद्भव==
इसका उद्भव 1914 के पूर्व के समाजवादी आंदोलन (सिंडिकैलिज़्म) में ही, जो फ्रांसीसी विचारक जाज़ेंज सारेल के दर्शन से प्रभावित था, हो चुका था। सिंडिकैलिस्ट पार्टी उस समय पूँजीवाद और संसदीय राज्य का विरोध कर रही थी। 1919 में प्रथम विश्वयुद्ध के बाद पार्टी के एक सदस्य मुसोलिनी ने अपने कुछ क्रांतिकारी साथियों के साथ एक नई क्रांति की भूमिका बना डाली। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इटली को सम्मानित स्थान, गृहनीति में मजदूरों और सेना का सम्मान तथा सभी लोकतांत्रिक और संसदीय दलों तथा पद्धतियों का दमन आदि उसके घोषणापत्र के खास नुक़्ते थे। प्रथम विश्वयुद्ध में इटली मित्रराष्ट्रों का पक्ष लेकर लड़ा, और उसमें उसने सैनिक तथा आर्थिक दृष्टियों से बड़ी हानि उठाई। युद्धोत्तर परिस्थितियों ने फ़ासिस्टवादी आंदोलन के लिए सुदृढ़ पृष्ठभूमि तैयार की। मुसोलिनी ने अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए रोसोनी की नेशनल सिंडिकैलिस्ट पार्टी को भी मिला लिया। क्रांति और पुनरुत्थान के तीखे नारों ने निर्धन जनता को बहुत प्रभावित किया और बहुसंख्यक कृषकों तथा मजदूरों में फ़ासिस्टवाद की जड़ें, बड़ी गहराई तक फैल गईं। सिंडिकैलिस्ट पार्टी तब तक कम्युनिस्ट पार्टी के रूप में उभर चुकी थी, उसे भी मुसोलिनी के क्रूर दमन का शिकार होना पड़ा।
 
कम्युनिस्टों से निपटने के दौरान अनेक भिन्न-भिन्न मनोवृत्तियों के तत्व इस आंदोलन में सम्मिलित हुए, जिसके कारण फ़ासिस्टों का कोई संतुलित राजनीतिक दर्शन नहीं बन पाया। कुछ व्यक्तियों की सनकों और प्रतिक्रियावादी दुराग्रहों से ग्रस्त इस आंदोलन को इटली की तत्कालीन अनिश्चय और अराजकता की परिस्थितियों से बहुत पोषण मिला। अंततोगत्वा 20 अक्टूबर, 1922 को काली कमीज़ें पहने हुए फ़ासिस्टों ने रोम को घेर लिया तो सम्राट् विक्टर इमैनुएल को विवश होकर मुसोलिनी को मंत्रिमंडल बनाने की स्वीकृत देनी पड़ी। फ़ासिस्टों ने इटली के संविधान में अनेक परिवर्तन किए। ये परिवर्तन, पार्टी और राष्ट्र दोनों को मुसोलिनी के अधिनायकवाद में जकड़ते चले गए। फ़ासिस्टों का यह निरंकुशतंत्र द्वितीय विश्वयुद्ध तक चला। इस बार मुसोलिनी के नेतृत्व में इटली ने "धुरी राष्ट्रों" का साथ दिया। जुलाई, 1943 में "मित्रराष्ट्रों" ने इटली पर आक्रमण कर दिया। फ़ासिस्टों का भाग्यचक्र बड़ी तेजी से उलटकर घूम गया। पार्टी की सर्वोच्च समिति के आक्रोशपूर्ण आग्रह पर मुसोलिनी को त्यागपत्र देना पड़ा, और फ़ासिस्ट सरकार का पतन हो गया।
Line 40 ⟶ 43:
[[gl:Fascismo]]
[[ko:파시즘]]
[[hi:फ़ासी वाद]]
[[hr:Fašizam]]
[[id:Fasisme]]