"शिव ब्रत लाल": अवतरणों में अंतर

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|language=[[Hindi]]
|ISBN=9788190550109}} </ref>
 
== राधास्वामी आध्यात्मिक आन्दोलन ==
 
उनके गुरु परम संत राय बहादुर सालिग्राम साहिब जी थे जिन्हें हुजूर महाराज जी भी कहा जाता है। उनका अपने गुरु में अटल विश्वास था और वे राधास्वामी आध्यात्मिक आन्दोलन के अनुयायी बन गए। सन् 1898 में अपने गुरु के निधन के बाद उन्होंने ने सन् 1898 से ले कर 1939 तक राधास्वामी आध्यात्मिक आन्दोलन की सेवा की.की। <ref>[http://www.radhaswamidinod.org/lineage.htm Radha Swami Satsang, Dinod Lineage]</ref>
 
== शिव ब्रत लाल - एक लेखक ==
 
एक उर्दू साप्ताहिक 'आर्य गज़ट' के संपादक के तौर पर कार्य करने के लिए वे [[लाहौर]] चले गए। 01 अगस्त 1907 को उन्होंने अपनी एक पत्रिका 'साधु' शुरू की.की। बहुत जल्द यह लोकप्रिय हो गई। एक लेखक के रूप में वे स्थापित हुए. उन्होंने अपने जीवन काल में लगभग 3000 पुस्तकों, पुस्तिकाओं और पत्रिकाओं का लेखन और संपादन किया। इनकी भाषा हिंदी के अतिरिक्त [[उर्दू]] और [[अंग्रेज़ी]] भी रही.रही। वे [[फ़ारसी]] के भी अच्छे जानकार थे। उनके लेखन में विषयों की विविधता उनकी विशेष पहचान है। उनके गहन ज्ञान की झलक इनकी पुस्तकों में भरी जानकारी से हो जाती है जिनमें सामाजिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों का विषद विवरण है। इनकी पुस्तकें 'लाइट ऑन आनंद योग', 'दयाल योग' और 'शब्द योग' बहुत प्रसिद्ध हुईं.<ref>[http://www.bookfinder.com/dir/i/Light_on_Ananda_Yoga-The_Yoga_of_Happiness/089142041X/ BookFinder.com]</ref><ref>[http://groups.yahoo.com/group/RADHASOAMI-REALITY/message/42 Shiv Brat Lal's "Light On Ananda Yoga" Quotes]</ref><ref>[http://groups.yahoo.com/group/SantMatFellowship/message/460 Shiv Brat Lal's "Dayal Yoga" Quotes]</ref><ref>[http://blog.360.yahoo.com/blog-l16yy60ieqhTMgviWNrHwYwVdVE9Fw--?cq=1&p=414 Shiv Brat Lal's "Dayal Yoga" Quotes 2]</ref>
 
दाता दयाल की राधास्वामी आध्यात्मिक आंदोलन पर लिखी अन्य प्रसिद्ध पुस्तकें हैं:<ref>[http://www.radhaswamidinod.org/library.htm Radhaswamidinod.org: Books by Maharishi ji]</ref>
 
1) लाइट ऑन आनंद योग (अंग्रेजी)
 
2) दयाल योग
 
3) शब्द योग
 
4) राधास्वामी योग: 1-6 भाग
 
5) राधास्वामी मत प्रकाश
 
6) अद्भुत उपासना योग: 1-2 भाग
 
7) अनमोल विचार
 
8) दस अवतारों की कथा
 
9) कबीर परिचय आद्यज्ञान
 
10) कबीर योग: 1-13 भाग
 
11) कर्म रहस्य
 
12) नानक योग: 1-3 भाग
 
13) पंथ संदेश
 
14) सफलता के साधन
 
15) सहज योग
 
16) सप्त ऋषि वृत्तांत
 
17) शरणगति योग
 
18) सत्संग के आठ वचन
 
19) व्यवहार ज्ञान प्रकाश
 
20) विचारांजलि
 
== महर्षि शिव ब्रत लाल का विश्व दौरा ==
विश्व में [[राधा स्वामी]] आध्यात्मिक आंदोलन फैलाने के लिए उन्होंने [[लाहौर]] से [[दुनिया]] की यात्रा शुरू की.की। 2 अगस्त 1911 को वे [[कोलकाता]] पहुँचे। 22 अक्टूबर 1911 को वे [[कोलकाता]] से [[रंगून]] की ओर समुद्र से रवाना हुए . 31 अक्टूबर को वे पेनांग पहुँचे और [[सिंगापुर]] और [[जावा]] होते हुए 22 नवम्बर को [[हांगकांग]] पहुँचे . इन सभी स्थानों पर वे राधा स्वामी आध्यात्मिक आंदोलन का संदेश फैला रहे थे। उसके बाद वे [[जापान]] और बाद में [[सैन फ्रांसिस्को]] [[संयुक्त राज्य|अमेरिका]] गये और सैन फ्रांसिस्को में व्याख्यान भी दिए.दिए। <ref>[http://books.google.com/books?id=cnWmWUQ1paYC Data Dayal Maharishi Shiv Brat Lal Verman By Muḥammad Anṣārullāh]</ref><ref>[http://sportygirly67.blogspot.com/ Shiv Brat Lal's trip to US]</ref>
 
== आश्रम की स्थापना ==
सन् 1912 में शिव ब्रत लाल जी ने गोपी गंज, [[मिर्जापुर]], [[उत्तर प्रदेश]], भारत में अपने [[आश्रम]] की स्थापना की.की। उनके प्रेरक प्रवचनों ने समस्त भारत और विदेशों में [[राधा स्वामी]] आंदोलन के चाहने वालों को आकर्षित किया। 23 फ़रवरी 1939 को सत्तर वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ। उनकी पवित्र [[समाधि]] गोपी गंज के निकट राधा स्वामी धाम में है।
 
== महर्षि शिव ब्रत लाल के उत्तराधिकारी ==
पंक्ति 78:
* परम संत पी.आनंद राव जी महाराज [[हैदराबाद]], [[आंध्र प्रदेश]]
* परम संत कुबेर नाथ श्रीवास्तव जी
* परम संत प्रेमानंद जी
 
== बाहरी लिंक ==
पंक्ति 90:
== यह भी देखें ==
* [[राधास्वामी मत]]
 
* [[शिव दयाल सिंह]]
 
* [[मानवता मंदिर]]
 
* [[संत मत]]
 
* [[दयाल बाग]]