"भारतीय मानक समय": अवतरणों में अंतर

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<!--अनुवाद करें: Indian Standard Time is calculated on the basis of 82.5° E [[longitude]], which is just west of the town of [[Mirzapur]], near [[Allahabad]] in the state of [[Uttar Pradesh]]. The longitude difference between Mirzapur and the [[United Kingdom]]'s [[Royal Observatory, Greenwich|Royal Observatory]] at [[Greenwich]] translates to an exact time difference of 5 hours 30 minutes. Local time is calculated from a [[clock tower]] at the [[Allahabad Observatory]] ({{coor d|25.15|N|82.5|E|}}) though the official time-keeping devices are entrusted to the [[National Physical Laboratory, India|National Physical Laboratory]], in [[New Delhi]].<ref name="bbc">{{cite web | url=http://news.bbc.co.uk/2/hi/south_asia/1501252.stm |title=India investigates different time zones|accessdate=2006-11-25 |last=Sen |first=Ayanjit |date=[[2001-08-21]] |work=[http://news.bbc.co.uk BBC News]}}</ref>-->
 
Ċĝ== इतिहास ==
1947 में आजादी के बाद भारत सरकार ने पूरे देश के लिए सरकारी समय के रूप IST को स्थापित कर दिया, हालांकिहालाँकि कोलकाता और मुंबई 1955 तक अपने स्थानीय समय (बॉम्बे समय के रूप में जाना जाता है) को बनाए रखा है। सेंट्रल वेधशाला चेन्नई से एक स्थान पर ले जाया गया थामिर्जापुरथा, मिर्जापुर के पास है, इसलिए कि यह संभव के रूप में UTC +5:30 के करीब होगा।
१९६२ के भारत-चीन युद्ध तथा १९६५ और १९७१ के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अल्प समय के लिए डेलाइट सेविंग टाइम का उपयोग किया गया था|
 
== समस्याएँ ==
देश की पूर्व-पश्चिम दुरीदूरी लगभग २९३३ किलोमीटर हैंहै जिसके कारण पूर्व में सूर्योदय और सूर्यास्त पश्चिम से २ घंटे जल्दी होता हैं,है और इसीलिए उत्तर-पूर्व राज्यों के लोगों को उनकी घड़ियाँ आगे बढ़ने की आवश्यकता होती हैं जिससे सूर्योदय के उपरांत ऊर्जा का क्षय न हो। इसके कारण औपचारिक व्यवहारों में अनेक कष्ट कोटेहोते हैं।
 
१९८० में संशोधकों की एक मंडली ने भारत को दो अथवा तीन समय मंडलों में विभाजित करने का सुझाव दिया, परन्तु ये सुझाव हमें ब्रिटिश सरकार द्वारा स्थापित समय मंडलों को अपनाने के बराबर था, इसलिए इस सुझाव को नाकारानकारा दिया गया|
२००१ में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ४ सदस्य की समिति स्थापित की जिसका उद्देश्य समय मंडल तथा डेलाइट सेविंग के विषयों को जांचनाजाँचना था। समिति के निष्कर्ष २००४ में संसद में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री, श्री कपिल सिबलसिब्बल, द्वारा प्रस्तुत किये गए जिसमे कपिल सिबलसिब्बल ने कहा कीकि "भारत के समय मंडलों को विभाजित करने की कोई आवश्यकता नहीं हैं ''|है।
 
२०१४ में, असम के मुख्यमंत्री श्री तरुण गोगोई ने असम तथा अन्य उत्तर-पूर्व राज्यों के लिए एक अलग समय मंडल की मांगमाँग की हैंहै परन्तु इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार द्वारा कोई मंजूरी नहीं मिली हैं।है। <ref>{{वेब सन्दर्भ|url=http://www.thestatesman.com/mobi/news/35182-no-faulting-gogoi-s-proposal-for-new-time-zone.html|publisher=द स्टेटस्मान|language=अन्ग्रज़ी}}</ref>
 
== समय सन्केत==
औपचारिक समय सन्केतसंकेत नई दिल्ली मे स्थित राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला के समय एवं आवृत्ति मानक प्रयोगशाला के द्वारा प्रेषित किये जाते हैं। ये संकेत परमाणु घड़ियों पर आधारित हैं जो सार्वभौमिक समन्वित समय (Coordinated Universal Time ) पर आधारित हैं। भारतीय मानक समय देश का मानक समय इसलिए हैंहै क्यूंकिक्योंकि ये भारत के मध्य से गुज़रतागुजरता हैं।है। देश का ठीक समय आकाशवाणी और दूरदर्शन के द्वारा लोगों तक पहुँचाया जाता हैंहै।
 
== प्रचलित संस्कृति में ==