"गोमती नदी (उत्तर प्रदेश)": अवतरणों में अंतर

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== उदगम ==
इसका उद्गम [[पीलीभीत]] जनपद के माधोटान्डा कसबे में होता है I माधोटान्डा [[पीलीभीत]] से लगभग ३० कि.मी. पूर्व में स्थित है। कसबे के मध्यलसे करीब १ कि.मी. दक्षिण-पश्चिम में एक ताल है जिसे "पन्गैली फुल्हर ताल" या "गोमत ताल" कहते हैं, वही इस नदी का स्रोत्र हैI इस ताल से यह नदी मात्र एक पतली धारा की तरह बहती है। इसके उपरान्त लगभग २० कि.मी. के सफ़र के बाद इससे एक सहायक नदी "गैहाई" मिलती है। लगभग १०० कि. मी. के सफ़र के पश्चात यह [[लखीमपुर खीरी]] जनपद की मोहम्मदी खीरी तहसील पहुँचती है जहां इसमें सहायक नदियाँ जैसे सुखेता, छोहा तथा आंध्र छोहा मिलती हैं और इसके बाद यह एक पूर्ण नदी का रूप ले लेती है। गोमती और गंगा के संगम में प्रसिद्ध मार्कण्डेय महादेव मंदिर स्थित है। लखनऊ, लखीमपुर खीरी, '''''[[सुल्तानपुर]]''''' और जौनपुर शहर गोमती के किनारे पर स्थित हैं और इसके जलग्रहण क्षेत्र में स्थित 15 शहर में से सबसे प्रमुख हैं। नदी जौनपुर शहर को एवंदो बराबर '''''सुल्तानपुर'''''भागों मे जिलेविभाजित कोकरती लगभगहै दोऔर बराबरजौनपुर भागोंमें मेव्यापक विभाजितहो करतीजाती है।
 
== नदी की लम्बाई (किलोमीटर मे) ==
[[चित्र:Gomti at Lucknow.jpg|thumb|right|thumb|180px| [[लखनऊ]] में गोमती]]
[[गोमती नदी]] की लंबाई उद्गम से लेकर [[गंगा]] में समावेश तक लगभग ९०० कि.मी. है। [[गंगा]] और [[गोमती]] के संगम पर मार्कंडेय महादेव जी का मंदिर है। गोमती के किनारे जो नगर बसे है, उनमें [[लखनऊ]], '''''[[सुल्तानपुर]]''','', '[[केराकत]]''' तथा '''[[जौनपुर]]''' प्रमुख हैं।
 
== प्रदूषण ==