"पारिजात वृक्ष (किन्तूर)": अवतरणों में अंतर

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नाम लिखा है
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==पुष्प ==
इसका पुष्प श्वेत रंग का और सूखने पर सुनहले रंग का हो जाता है। इस वृक्ष में पुष्प बहुत ही कम मात्रा में और कभी -कभी ही गंगा दशहरा (जून के माह ) के अवसर पर ही लगते हैं पुष्प सदैव रात्रि में ही पुष्पित होते हैं। प्रातः काल इसके पुष्प मुरझा जाते हैं। रात्रि के समय पुष्प पुष्पित होने पर इसकी सुगंध दूर --दूर तक फ़ैल जाती है। अंकेश वर्मा <ref>http://barabanki.nic.in/places.htm</ref>
 
==सन्दर्भ==