"बग़दाद": अवतरणों में अंतर

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बगदाद का वास्तविक पतन 1258 ई. में शुरु होता है, जब हलाकू नामक [[मंगोल]] ने मेसोपोटेमिया पर अधिकार कर इस्लामी सभ्यता को नष्ट कर दिया। इसने धीरे-धीरे सिंचाई प्रणाली को भी छिन्न-भिन्न करके उपजाऊ कृषिक्षेत्र को स्टेप्स या घास के मैदान में परिवर्तित कर दिया। इस काल से लेकर प्रारंभिक 20वीं शताब्दी तक के कुछ समय को छोड़कर बगदाद कभी भी स्वतंत्र राजधानी नहीं रहा है।
 
यहाँ हिनैदी में एक बहुत बड़ा हवाई अड्डा बनाया गया जिससे [[काहिरा]] एवं [[बसरा]] संबद्ध थे। बाद में इसका [[इंग्लैंड]], [[भारत]] और सुदूर पूर्व से भी वायुसंबंध हो गया। वर्तमान समय में संसार की सभी प्रमुख वायुसेवाएँ यहाँ से होकर जाती हैं। [[तुर्कींतुर्की]] तक रेलमार्ग बन जाने से इसका संपर्क सीधे [[भूमध्यसागर]] से हो गया। इस प्रकार आवागमन के साधनों के विकास के कारण 20वीं शताब्दी में बगदाद पुन: अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा प्राप्त कर मध्य पूर्व का प्रसिद्ध नगर हो गया। यहाँ से दरियों, ऊन, गोंद, खजूर और पशुचर्म का निर्यात तथा कपास और चाय का आयात करके पुनर्निर्यात करते हैं।
 
यहाँ चिकित्सा, कला, कानून, इंजीनियरिंग, सैन्यशास्त्र आदि की शिक्षा का उचित प्रबंध है। यहाँ प्रसिद्ध पुरातत्व संग्रहालय है। नगर के पुराने भाग में मिट्टी के मकान, पतली तथा धूल भरी सड़कें देखने को मिलती हैं। आधुनिक भाग दर्शनीय है। यहाँ सुंदर सुंदर मसजिदें एवं बाजार हैं।