"मराठी साहित्य": अवतरणों में अंतर

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इस प्रकार सन् 1874 से निर्मित आधुनिक मराठी वाङ्मय रूपधारी सरस्वती की धारा काव्य, कथा, नाटक, उपन्यास, चरित्र, एवं इतिहास संशोधनादि प्रवाहों से दिन प्रति समृद्ध हो रही है।
 
'''१९९० के आगे'''
 
इस कालखंड का आरंभ १९९० से पहले 'शब्दवेध' (संपादक दा. गो. काले) से हुआ | श्रीधर तिळवे (१९९२) कि 'एका भारतीय विद्यार्थ्याचे उद्गार' और सलील वाघ (१९९६) कि 'निवडक कविता' इन किताबोमे नये आयाम और भूमंडलीकरण तथा आधुनिकोत्तर संवेदना पायी जाती है | तत्पश्चात 'अभिधा' और 'अभिधानंतर' (संपादक - हेमंत दिवटे), 'सौष्ठव' (संपादक - श्रीधर तिल्वे, राहुल सरवटे) 'नवाक्षर दर्शन' (संपादक - प्रवीण बांदेकर), 'खेल' (संपादक - मंगेश काळे), 'ऐवजी' (संपादक - रमेश इंगले उत्रादकर) आधी लघुपत्रिकाओंका काफी योगदान रहा | कवितामे श्रीधर तिळवे, संजीव खांडेकर, सलील वाघ, वर्जेश सोलंकी, मान्या जोशी, नितीन कुलकर्णी, मंगेश नारायणराव काले, हेमंत दिवटे, सचिन केतकर आदी कवियोने भूमडलीकरन तथा पोस्तमाडर्न संवेदानाओंके अपने दायरे मे लाया. कादंबरीमे रमेश इंगले, जी. के. ऐनापुरे, प्रवीण बांदेकर, मेघना पेठेने कादंबरीके नये परिमाण खोजे.
 
== [[ज्ञानपीठ पुरस्कार]] से सम्मानित मराठी साहित्यकार ==