"उमर": अवतरणों में अंतर
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== मदीने की ज़िंदगी ==
[[चित्र:Sword of Umar ibn al-Khittab-mohammad adil rais.JPG|thumb|100px|हज़रत उमर की तलवार ]]
मदीना इस्लाम का एक नया केन्द्र बन चुका था। सन हिजरी [[इसलामी
जंग के शुरू में मुस्लिम सेना भारी पड़ी लेकिन कुछ कारणों वश मुस्लिमों की हार हुई। कुछ लोगों ने अफवाह उड़ा दी कि मुहम्मद साहब शहीद कर दिये गये तो बहुत से मुस्लिम घबरा गए, उमर ने भी तलवार फेंक दी तथा कहने लगे अब जीना बेकार है। कुछ देरबार पता चला की ये एक अफवाह है तो दुबारा खड़े हुए। इसके बाद खन्दक की जंग में साथ-साथ रहे। उमर ने मुस्लिम सेना का नेत्रत्व किया अंत में मक्का भी फतह हो गया। इसके बाद भी कई जंगों का सामना करना पड़ा, उमर ने उन सभी जंगो में नेत्रतव किया।
== मुहम्म्द साहब की वफ़ात (मृत्यु) ==
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