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== मदीने की ज़िंदगी ==
[[चित्र:Sword of Umar ibn al-Khittab-mohammad adil rais.JPG|thumb|100px|हज़रत उमर की तलवार ]]
मदीना इस्लाम का एक नया केन्द्र बन चुका था। सन हिजरी [[इसलामी केलंडरकैलंडर]] का निर्माण किया जो इस्लाम का पंचांग कहलाता है। 624 ई में मुसलमानों को बद्र की जंग लड़ना पड़ा जिसमें हज़रत उमर ने भी अहम् किरदार निभाया। बद्र की जंग में मुसलमानों की फतह हुई तथा मक्का के मुशरिकों की हार हुई। बद्र की जंग के एक साल बाद मक्का वाले एकजुट हो कर मदीने पे हमला करने आ गए, जंग उहुद नामक पहाड़ी के पास हुई।
 
जंग के शुरू में मुस्लिम सेना भारी पड़ी लेकिन कुछ कारणों वश मुस्लिमों की हार हुई। कुछ लोगों ने अफवाह उड़ा दी कि मुहम्मद साहब शहीद कर दिये गये तो बहुत से मुस्लिम घबरा गए, उमर ने भी तलवार फेंक दी तथा कहने लगे अब जीना बेकार है। कुछ देरबार पता चला की ये एक अफवाह है तो दुबारा खड़े हुए। इसके बाद खन्दक की जंग में साथ-साथ रहे। उमर ने मुस्लिम सेना का नेत्रत्व किया अंत में मक्का भी फतह हो गया। इसके बाद भी कई जंगों का सामना करना पड़ा, उमर ने उन सभी जंगो में नेत्रतव किया।
 
== मुहम्म्द साहब की वफ़ात (मृत्यु) ==
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